इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आईआरसीटीसी) का आईपीओ 112 गुणा ओवर सब्सक्राइब होने के बाद इसके लिस्टिंग प्राइस में काफी इजाफा हो गया है। पहले दिन ही आईआरसीटीसी के शेयर दोगुने भाव पर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुआ। कंपनी का शेयर अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( BSE ) और नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) में सूचीबद्ध हो चुका है।
644 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ शेयर
यह शेयर 320 रुपये के इशू प्राइस के मुकाबले बीएसई पर 101.25 फीसदी प्रीमियम के साथ बीएसई पर 644 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ और निफ्टी में 651 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। बता दें कि स्टॉक मार्केट में किसी सरकारी कंपनी की यह सबसे सफल लिस्टिंग है। बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण (एम कैप) 10,736 करोड़ रुपये हो गया है। दोपहर 12 बजे कंपनी का शेयर 79.05 अंक यानी 12.27 फीसदी के उछाल के साथ 623.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी पर कंपनी का शेयर 91.85 अंक यानी 14.67 फीसदी की बढ़त के बाद 717.85 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
40 इक्विटी शेयरों के लिए थी न्यूनतम बोली
एक लॉट 40 इक्विटी शेयरों का था। न्यूनतम बोली 40 इक्विटी शेयरों के लिए थी। रिटेल निवेशक अधिकतम 16 लॉट खरीद सकते थे। कंपनी ने 315 से 320 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था और खुदरा श्रेणी के निवेशकों और पात्र कर्मचारियों के लिए आधार मूल्य पर प्रति शेयर 10 रुपये की छूट की पेशकश थी। यानी छूट के बाद आईआरसीटीसी आईपीओ का दाम 305 से 310 रुपये था। लोगों को 40 शेयर का एक लॉट खरीदने के लिए 12,200 रुपये खर्च करने पड़े।
ग्रे मार्केट में पहले ही हो चुकी थी बढ़ोतरी
बता दें कि ग्रे मार्केट में शेयर की कीमत में 71 फीसदी की बढ़ोतरी पहले ही हो चुकी थी। आईपीओ के जरिए कंपनी ने 645 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था।
पात्र कर्मचारियों के लिए 1,60,000 शेयर आरक्षित
स्टॉक एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 645 करोड़ रुपये जुटाने के लिए लाए गए इस आईपीओ के तहत दो करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मांगी गईं थीं। इस निर्गम में पात्र कर्मचारियों के लिए 1,60,000 शेयर आरक्षित किए गए हैं।
क्वालिफाइड इन्स्टिट्यूश्नल बायर्स ( QIB ) की श्रेणी में 109 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों ( NII ) के मामले में 355 गुना और खुदरा निवेशकों के मामले में 15 गुना अभिदान मिला है।
क्वालिफाइड इन्स्टिट्यूश्नल बायर्स ( QIB ) की श्रेणी में 109 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों ( NII ) के मामले में 355 गुना और खुदरा निवेशकों के मामले में 15 गुना अभिदान मिला है।
कंपनियों ने आईपीओ से बटोरे 6,000 करोड़
भारतीय कंपनियों ने जुलाई-सितंबर तिमाही में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये करीब 0.86 अरब डॉलर (6,000 करोड़ रुपये) बटोरे हैं। इस दौरान कंपनियों ने 10 आईपीओ बाजार में उतारे है। अर्नस्ट एंड यंग (ईवाई) ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2020 की पहली छमाही में आईपीओ का बाजार और तेजी पकड़ेगा।
ईवाई के अनुसार, 2019 की तीसरी तिमाही में आईपीओ जारी करने के मामले में भारतीय इक्विटी बाजार (बीएसई-एनएसई) दुनिया में छठे स्थान पर रहा है। हालांकि, भारतीय कंपनियों ने पिछले साल की समान तिमाही में 22 आईपीओ के जरिये 0.87 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी।
2019 में बीएसई-एनएसई पर चार आईपीओ जारी किए गए, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा तीन था। एसएमई बाजार में तीसरी तिमाही के दौरान छह आईपीओ उतारे गए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 42 आईपीओ लाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे सुधारों का असर पूंजी बाजार पर दिखने लगा है और इससे बाजार की धारणा में मजबूती आएगी, जो अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार होगा।
ईवाई के अनुसार, 2019 की तीसरी तिमाही में आईपीओ जारी करने के मामले में भारतीय इक्विटी बाजार (बीएसई-एनएसई) दुनिया में छठे स्थान पर रहा है। हालांकि, भारतीय कंपनियों ने पिछले साल की समान तिमाही में 22 आईपीओ के जरिये 0.87 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी।
2019 में बीएसई-एनएसई पर चार आईपीओ जारी किए गए, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा तीन था। एसएमई बाजार में तीसरी तिमाही के दौरान छह आईपीओ उतारे गए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 42 आईपीओ लाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे सुधारों का असर पूंजी बाजार पर दिखने लगा है और इससे बाजार की धारणा में मजबूती आएगी, जो अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार होगा।
इतना रहा कंपनी का मुनाफा
वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का कुल राजस्व 1,956.66 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 272.60 करोड़ रुपये रहा था। उसके ऊपर कोई कर्ज नहीं है। कंपनी की शेयर पूंजी 160 करोड़ रुपये और नेट वर्थ 1,042.84 करोड़ रुपये है।