साढ़े तीन हजार भर्तियों के लिए करना होगा इंतजार, शिक्षकों के लिए एक और झटका


प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन साढ़े तीन हजार पद खाली हैं। आए दिन नए निर्देश जारी होने के कारण शिक्षक भर्ती फंसी हुई है। 


 

उच्च शिक्षा निदेशालय ने तो रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भी तैयार कर लिया था लेकिन रिक्त पदों के सत्यापन की व्यवस्था बदलने के कारण निदेशालय को फि नए सिरे से कवायद करनी होगी और ऐसे में अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना होगा।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए साल भर पहले उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया था। आयोग भर्ती विज्ञापन का विज्ञापन जारी करता, इससे पहले ही निदेशालय ने अधियाचन वापस ले लिया। 

इसके बाद नए सिरे से आरक्षण की समीक्षा शुरू हुई लेकिन इस बीच गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देने की घोषणा कर दी गई। निदेशालय ने फिर से आरक्षण का निर्धारण शुरू किया। इसके लिए महाविद्यालयों से रिक्त पदों की सूचना दोबारा मांगी गई और गरीब सवर्णों के लिए दस फीसदी पद आरक्षित किए गए।


निदेशालय की योजना थी कि अक्तूबर के अंत तक पदों का अधिचायन आयोग को भेज दिया जाए लेकिन इस बीच पदों के सत्यापन की नई व्यवस्था लागू कर दी गई। 

शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए कि कॉलेजों में रिक्त पदों का सत्यापन डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिक्त पदों की संख्या तय होगी। इसी आधार पर विज्ञापन निकाला जाएगा। यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में लागू की गई है। अब डीएम की अध्यक्षता वाली अलग-अलग कमेटियां रिक्त पदों का सत्यापन कर रही हैं। 

महाविद्यालयों में रिक्त पदों का सत्यापन पूरा होने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय महाविद्यालयों से भी रिक्त पदों की सूचना फिर से मांगेगा। इसके बाद सत्यापित किए गए पदों और महाविद्यालयों से दी गई रिक्त पदों की सूचना का परीक्षण किया जाएगा। 

परीक्षण के उपरांत रिक्त पदों के लिए नए सिरे से आरक्षण का निर्धारण होगा और फिर निदेशालय की ओर से आयोग को पदों का अधियाचन भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगेगा और अभ्यर्थियों को भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना होगा।


भर्ती संस्थाओं के विलय से भी फंसेगा पेच


शासन ने शिक्षक भर्ती करने वाली संस्थाओं के विलय का निर्णय लिया है। इसके तहत उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और सचिव परीक्षा नियामक प्रधिकारी कार्यालय को विलय कर एक नए आयोग का गठन किया जाना है। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया गया है। अगर इस बीच नए आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

'उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधिचायन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली थी। योजना थी कि अक्तूबर में अधियाचन आयोग को भेज दिया जाएगा लेकिन इस बीच रिक्त पदों के सत्यापन की नई व्यवस्था लागू हो गई है। ऐसे में रिक्त पदों की संख्या घट-बढ़ सकती है। पदों की वास्तविक संख्या मिलने के बाद फिर से आरक्षण का निर्धारण होगा और इसके बाद आयोग को अधियाचयन भेजा जाएगा।'

डॉ. वंदना शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक