2020 में दे सकता है 24% रिटर्न: मॉर्गन स्टेनली



 



मॉर्गन स्टेनली के साल 2020 के पसंदीदा शेयरों की सूची में देश की दिग्गज हाउसिंग फाइनैंस कंपनी HDFC  भी शामिल है। इन्वेस्टमेंट बैंक ने HDFC को ओवरवेट रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 2,600 रुपये से बढ़ाकर 2,900 रुपये कर दिया है। कंपनी का शेयर बुधवार को बीएसई पर 1.41% यानी 32.45 रुपये चढ़कर 2,336.30 रुपये पर बंद हुआ। मॉर्गन स्टेनली HDFC पर बुलिश क्यों है, निवेशकों को यह उत्सुकता हो रही होगी।

कॉम्पिटिटर्स पर हासिल हो रही बढ़त

मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, HDFC की लोन ग्रोथ अगले 12 महीनों में तेज हो सकती है। NBFC सेक्टर में बने क्राइसिस के चलते दूसरी कंपनियों से मिलने वाले कॉम्पिटशन का दबाव घट रहा है। इन्वेस्टमेंट बैंक कहता है, 'हमारा मानना है कि ऊंची यील्ड वाले होलसेल रीयल एस्टेट लोन स्पेस में HDFC की ग्रोथ तेज हो सकती है। इस सेगमेंट में लोन की कम सप्लाई के बीच कंपनी ने अपनी इंडस्ट्री पोजिशनिंग काफी अच्छी कर ली है। इसके अलावा फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टर्स की चहेती होने की वजह से कंपनी की कॉस्ट ऑफ फंड भी घट रही है।'

RoE में हो सकता है अच्छा-खासा सुधार
मॉर्गन स्टेनली कहता है कि बेहतर रिस्क अजस्टेड प्राइसिंग और कम कॉस्ट ऑफ फंड से कंपनी के RoE में बढ़ोतरी हो सकती है। इन्वेस्टमेंट बैंक ने कंपनी का कोर RoE वित्त वर्ष 2022 में 15.5% और वित्त वर्ष 2025 में 18.5% रहने का अनुमान दिया है, जो मौजूदा वित्त वर्ष में 13% रह सकता है। मॉर्गन स्टेनली कहता है, 'हमारे हिसाब से बहुत से प्लेयर्स होलसेल लेंडिंग स्पेस से बहुत से प्लेयर्स निकल जाएंगे। इसके अलावा उन्हें फंडिंग की कमी और प्रॉडक्ट की प्रॉफिटेबिलिटी कम होने से होम लोन ग्रोथ के मोर्चे पर मुश्किल आ सकती है। इस तरह HDFC के ग्रोथ रनवे में बुनियादी सुधार आ सकता है।'

कोर लेंडिंग बिजनस की रीरेटिंग होगी
इन्वेस्टमेंट बैंक का कहना है कि लिस्टेड सब्सिडियरी और असोसिएट्स के मुकाबले HDFC के शेयरों के अंडरपरफॉर्मेंस के चलते के हाउसिंग फाइनैंस कंपनी के कोर लेंडिंग बिजनस का एंप्लाइड वैल्यूएशन अट्रैक्टिव हो गया है। HDFC के शेयरों के परफॉर्मेंस पर होल्डिंग कंपनी की सब्सिडियरी में उसके स्टेक की वैल्यू के चलते बने डिस्काउंट का दबाव भी हो सकता है। इन्वेस्टमेंट बैंक कहता है, 'कंपनी के शेयरों को लेकर बनी कुछ चिंताएं अगले 12 महीनों में जब दूर हो जाएंगी और लोन ग्रोथ में तेजी आएगी तब निवेशकों का फोकस पिछले पांच साल के परफॉर्मेंस से शिफ्ट होकर कॉम्पिटिटिव पोजिशनिंग और ग्रोथ रनवे में व्यापक सुधार होने के चलते अगले पांच साल में बनने वाली संभावनाओं पर चला जाएगा।'