अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले बिहार पवेलियन को गोल्ड मेडल

 


दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के आखिरी दिन बुधवार को ईरान और अफगान के मेवे खूब बिके। सबसे ज्यादा भीड़ इन्हीं दोनों देशों के स्टॉल पर दिखी। यहां से किसी ने मेवे खरीदे तो किसी ने खजूर। थाईलैंड की विश्वविख्यात सिरदर्द में इस्तेमाल होने वाली बाम व फ्रैशनेस वाले परफ्यूम की भी जमकर बिक्री हुई।


मेले का आखिरी दिन होने के कारण लोगों को 50 से 70 फीसदी तक छूट के ऑफर भी मिले। वहीं बिहार पवेलियन ने रिकॉर्ड कायम रखते हुए पांचवीं बार गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 


उधर, आखिरी दिन मेले में महिलाओं की भीड़ काफी ज्यादा रही। इससे सौंदर्य से जुड़े उत्पादों की बिक्री काफी हुई। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रही। देशभक्ति के गीतों पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। शाम को मौसम खुशनुमा होने के कारण लोगों को और ज्यादा आनंद आया। 


14 नवंबर से चल रहे मेले के दौरान अकेले बिहार पवेलियन में हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों ने करीब 60 लाख रुपये का व्यापार किया। इसमें 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे। बुधवार को मेले में करीब 39 हजार लोग पहुंचे। पूरे मेले के दौरान साढ़े चार लाख से ज्यादा लोग प्रगति मैदान पहुंचे।


बिहार पवेलियन को वर्ष 2014, 2015, 2016 और 2018 में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ था। आईटीपीओ की ओर से बिहार पवेलियन को इस साल भी उत्कृष्ट साज-सज्जा व प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल दिया गया है। प्रगति मैदान स्थित हंसध्वनि थियेटर में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह सम्मान प्रदान किया। चार कलाओं मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग एवं टेराकोटा कला ने इस राज्य को एक बार फिर गौरवान्वित किया है।