लखनऊ का गौरव माने जाने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) ने सोमवार को अपनी स्थापना के सौवें साल में प्रवेश कर लिया। पिछले 99 साल में लविवि कई बदलावों का गवाह बना। मूल रूप से एक अंग्रेज गवर्नर की याद में कैनिंग कॉलेज के रूप में इसकी शुरुआत हुई, पर आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल भी यहां से फूंका गया। डॉ. बीरबल साहनी जैसे वैज्ञानिक यहां के शिक्षक रहे तो डॉ. शंकर दयाल शर्मा जैसे राजनीतिज्ञ भी यहीं से निकले।
लविवि कभी बुलंदी तो कभी अराजकता के चरम पर भी रहा। लविवि में आर्थिक संसाधनों की तंगी की वजह से कुछ चुनौतियां हैं, पर उसके साथ अवसरों की भी भरमार है। लविवि की स्थापना के लिए इसके अधिनियम पर 25 नवंबर 1920 को हस्ताक्षर हुए थे। इसका सत्र जुलाई 1921 से शुरू हुआ था। इसलिए लविवि प्रशासन 25 नवंबर को अपनी स्थापना की तारीख तथा 1921 को स्थापना का वर्ष मानता है।
अधिनियम पर हस्ताक्षर होने के बाद एक मई 1864 को हुसैनाबाद में कैनिंग कॉलेज के नाम से जन्मे विद्यालय को मेडिकल कॉलेज तथा आईटी कॉलेज को जोड़कर विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया। कैनिंग कॉलेज इलाहाबाद विवि की स्थापना होने से पहले वर्ष 1887 तक कोलकाता विवि से संबद्ध था। इसके बाद यह इलाहाबाद विवि से संबद्ध हो गया।
लविवि कभी बुलंदी तो कभी अराजकता के चरम पर भी रहा। लविवि में आर्थिक संसाधनों की तंगी की वजह से कुछ चुनौतियां हैं, पर उसके साथ अवसरों की भी भरमार है। लविवि की स्थापना के लिए इसके अधिनियम पर 25 नवंबर 1920 को हस्ताक्षर हुए थे। इसका सत्र जुलाई 1921 से शुरू हुआ था। इसलिए लविवि प्रशासन 25 नवंबर को अपनी स्थापना की तारीख तथा 1921 को स्थापना का वर्ष मानता है।
अधिनियम पर हस्ताक्षर होने के बाद एक मई 1864 को हुसैनाबाद में कैनिंग कॉलेज के नाम से जन्मे विद्यालय को मेडिकल कॉलेज तथा आईटी कॉलेज को जोड़कर विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया। कैनिंग कॉलेज इलाहाबाद विवि की स्थापना होने से पहले वर्ष 1887 तक कोलकाता विवि से संबद्ध था। इसके बाद यह इलाहाबाद विवि से संबद्ध हो गया।
लविवि से पहले देश में स्थापित विश्वविद्यालय :
कोलकाता विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, बंबई विश्वविद्यालय- 1857
इलाहाबाद विश्वविद्यालय- 1887
मैसूर विश्वविद्यालय- 1916
पटना विश्वविद्यालय- 1917
उस्मानिया विश्वविद्यालय- 1918
अलीगढ़ विश्वविद्यालय- 1920
लविवि से पुराने यहां के कॉलेज
लखनऊ विश्वविद्यालय की तरह यहां के कॉलेजों का भी गौरवशाली इतिहास रहा है। लविवि की शुरुआत 1921 में हुई थी। जबकि इससे सहयुक्त कई कॉलेजों की शुरुआत इससे पहले ही हो चुकी थी। विवि से सहयुक्त क्रिश्चियन कॉलेज 157 साल का हो चुका है। 1862 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसी तरह आईटी कॉलेज की स्थापना 1870 में, आर्ट्स कॉलेज की शुरुआत 1911 में और श्री जय नारायण कॉलेज 1917 में हुई थी। इसके अलावा शिया पीजी कॉलेज का इतिहास भी लविवि से पुराना है।
कोलकाता विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, बंबई विश्वविद्यालय- 1857
इलाहाबाद विश्वविद्यालय- 1887
मैसूर विश्वविद्यालय- 1916
पटना विश्वविद्यालय- 1917
उस्मानिया विश्वविद्यालय- 1918
अलीगढ़ विश्वविद्यालय- 1920
लविवि से पुराने यहां के कॉलेज
लखनऊ विश्वविद्यालय की तरह यहां के कॉलेजों का भी गौरवशाली इतिहास रहा है। लविवि की शुरुआत 1921 में हुई थी। जबकि इससे सहयुक्त कई कॉलेजों की शुरुआत इससे पहले ही हो चुकी थी। विवि से सहयुक्त क्रिश्चियन कॉलेज 157 साल का हो चुका है। 1862 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसी तरह आईटी कॉलेज की स्थापना 1870 में, आर्ट्स कॉलेज की शुरुआत 1911 में और श्री जय नारायण कॉलेज 1917 में हुई थी। इसके अलावा शिया पीजी कॉलेज का इतिहास भी लविवि से पुराना है।
रवींद्र नाथ टैगोर को समर्पित लविवि पुस्तकालय
लविवि का टैगोर पुस्तकालय इस समय देश के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में हैं। यहां करीब पांच लाख किताबें हैं। इस पुस्तकालय का नक्शा अपने समय के मशहूर आर्किटेक्ट ग्रिफिन ने तैयार किया। उनकी मृत्यु के बाद नर्लीकर ने इसे पूरा किया।
रवींद्रनाथ टैगोर लविवि की स्थापना के बाद कई बार यहां आए। उनकी मृत्यु होने के बाद लविवि के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम उनके नाम पर कर दिया। पुस्तकालय के वर्तमान भवन की नींव वर्ष 1937 में रखी गई थी और 1940 में इस भवन का उद्घाटन किया गया।
लविवि का टैगोर पुस्तकालय इस समय देश के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में हैं। यहां करीब पांच लाख किताबें हैं। इस पुस्तकालय का नक्शा अपने समय के मशहूर आर्किटेक्ट ग्रिफिन ने तैयार किया। उनकी मृत्यु के बाद नर्लीकर ने इसे पूरा किया।
रवींद्रनाथ टैगोर लविवि की स्थापना के बाद कई बार यहां आए। उनकी मृत्यु होने के बाद लविवि के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम उनके नाम पर कर दिया। पुस्तकालय के वर्तमान भवन की नींव वर्ष 1937 में रखी गई थी और 1940 में इस भवन का उद्घाटन किया गया।