मधुमेह का लगातार बढ़ता असर लोगों की जिंदगी को बड़े पैमाने पर शारीरिक और आर्थिक तौर पर प्रभावित कर रहा है। साइलेंट किलर के रूप में पहचाने जाने वाला यह रोग किसी समय वृद्धावस्था में होता था, लेकिन आज यह 20 और 30 वर्ष की उम्र में भी हो रहा है। भारत को पहले ही मधुमेह की वैश्विक राजधानी माना जाने लगा है, लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। अभी भारत में मधुमेह के करीब सात करोड़ मरीज हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि यह आंकड़ा 2030 तक रॉकेट की तेजी से 45 फीसदी तक बढ़ कर 10.1 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
आधुनिक जीवनशैली का युवाओं पर प्रभाव और मधुमेह
कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले लोग औसतन दिन में दस घंटे तक काम करते हैं। इसमें अधिकतर समय डेस्क या किसी क्यूबिकल में बीतता है। आसानी से उपलब्ध होने वाला फास्ट और प्रोसेस्ड भोजन घर के भोजन का स्थान ले रहा है। नींद पूरी नहीं हो रही है और समाज में खुद को श्रेष्ठ साबित करने का तनाव बढ़ता जा रहा है। तमाम दुष्प्रभावों को जानते हुए भी जब खुद की जरूरतों और इच्छाओं का आकर्षण सामने होता है, तो हमारा स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता में नहीं रहता। स्ट्रोक, अवसाद, तनाव और मधुमेह जैसे जीवनशैली से जुड़े रोगों का यह सबसे बड़ा कारण है।
मधुमेह आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है
मधुमेह एक गंभीर रोग है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है। एक बार मधुमेह रोग युवावस्था में हो जाए, तो यह आपके काम और बाद में आर्थिक सुरक्षा को प्रभावित करने लगता है। मधुमेह, कैंसर या हृदय रोग जैसा खतरनाक भले ही न हो, लेकिन इसका उपचार काफी महंगा है। उपचार, चिकित्सा की बढ़ती लागत और मेहनत से अर्जित कमाई सेहत की वजह से खत्म होना किसी को भी स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टि से कमजोर कर सकती है। मधुमेह के साथ ही हृदय रोग, किडनी खराब होना, स्ट्रोक, नजर कमजोर होना, नसों को नुकसान होना और पैरों की समस्याएं भी सामने आ सकती है। टाइप टू मधुमेह के रोगियों में दिल की कमजोरी से मौत होना सबसे बड़ा कारण है।
मधुमेह के लिए विशेष बीमा कवर की जरूरत
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए ठीक ठाक राशि का स्वास्थ्य बीमा मधुमेह के अलावा किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने के खर्च की भरपाई के लिए पर्याप्त हो सकता है। लेकिन मधुमेह रोगी के लिए मधुमेह का विशेष बीमा कवर अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को बेहतर ढंग से कवर कर सकता है। ऐसे में जब मधुमेह होने का पता चले तो मधुमेह का विशेष बीमा कवर काफी सहायक होता है। मधुमेह लंबा चलने वाला रोग है। ऐसे में अन्य बीमारियों के मुकाबले इसका औसत क्लेम साइज 90 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। आमतौर पर स्वास्थ्य बीमा में मधुमेह को पहले से मौजूद रोग के रूप में माना जाता है इसलिए पॉलिसी में 12 माह से दो वर्ष तक वेटिंग पीरियड रखा जाता है जो कई बार चार वर्ष तक चला जाता है। ऐसे मधुमेह के लिए विशेष रूप से तैयार की गई पॉलिसी लेनी चाहिए जो अन्य स्वास्थ्य बीमा के मुकाबले ज्यादा समावेशी है और अन्य कठिनाइयां भी कवर करती है।
मधुमेह विशेष बीमा प्लान के फायदे
आज मधुमेह रोग काफी हो रहा है और क्लेम भी बढ रहे हैं। ऐसे में समय से बीमा कवर लेना ठीक रहता है ताकि बीमारी और इसके साथ आने वाले आर्थिक तनाव को झेला जा सके। इससे प्रीमियम में भी फायदा होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति सात से नौ हजार रुपये प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य बीमा कवर ले सकता है। लेकिन मधुमेह रोगी के लिए यह 18 से 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष तक हो सकता है। जब बीमा लेने की बात आती है तो यह जरूरी होता है कि ऐसी पॉलिसी देखी जाए जो सिर्फ उपचार का खर्च ही नहीं बल्कि अस्पताल में भर्ती होने का खर्च भी कवर करे। ऐसी पॉलिसी सबसे अच्छी होती है जो अस्पतालों के बडे नेटवर्क से जुडी हो और यदि जरूरत हो तो इस नेटवर्क से बाहर भी काम कर सके।
ऐसा इमरजेंसी के लिए जरूरी होता है, क्योंकि उस समय हम उपचार के लिए सबसे नजदीकी अस्पताल में ही जाते है। इसके अलावा ऐसी पॉलिसी भी है, जो मधुमेह के उपचार के साथ होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी कवर करती है। कुछ बीमा कंपनियां ऐसी है जो पहले से मधुमेह को कवर करने वाली पॉलिसी हो तो मधुमेह के लिए पॉलिसी नहीं देते। लेकिन कुछ पॉलिसियां ऐसे रोगियों को भी कवर देती है। जब आप किसी मधुमेह विशेष बीमा में निवेश कर रहे हैं तो यह सारे पहलू ध्यान में रखना जरूरी है।
मधुमेह विशेष प्लान इस गंभीर बीमारी के लिए अहम और विशेष कवर प्रदान करते है। ऐसे में अपनी सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के साथ ही मधुमेह विशेष पॉलिसी लेना समझदारी भरा निर्णय है। हालांकि सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। स्वस्थ रहें नियमित व्यायाम करें अच्छा भोजन करें और नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच कराएं। समय पर रोग का पता लग जाए तो यह आपको शारीरिक और आर्थिक हर तरह के नुकसान से बचाता है।
ऐसा इमरजेंसी के लिए जरूरी होता है, क्योंकि उस समय हम उपचार के लिए सबसे नजदीकी अस्पताल में ही जाते है। इसके अलावा ऐसी पॉलिसी भी है, जो मधुमेह के उपचार के साथ होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी कवर करती है। कुछ बीमा कंपनियां ऐसी है जो पहले से मधुमेह को कवर करने वाली पॉलिसी हो तो मधुमेह के लिए पॉलिसी नहीं देते। लेकिन कुछ पॉलिसियां ऐसे रोगियों को भी कवर देती है। जब आप किसी मधुमेह विशेष बीमा में निवेश कर रहे हैं तो यह सारे पहलू ध्यान में रखना जरूरी है।
मधुमेह विशेष प्लान इस गंभीर बीमारी के लिए अहम और विशेष कवर प्रदान करते है। ऐसे में अपनी सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के साथ ही मधुमेह विशेष पॉलिसी लेना समझदारी भरा निर्णय है। हालांकि सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। स्वस्थ रहें नियमित व्यायाम करें अच्छा भोजन करें और नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच कराएं। समय पर रोग का पता लग जाए तो यह आपको शारीरिक और आर्थिक हर तरह के नुकसान से बचाता है।