निर्माणाधीन हॉस्टल का लेंटर भरभराकर गिरा


शासकीय महाविद्यालय हसौद के पढ़ने वाले छात्रों के लिए बन रहे छात्रावास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। यहां विभागीय उदासीनता व ठेकेदार की मनमानी के चलते निर्माण कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही छत ढह गया। ठेकेदार की मनमानी के चलते निर्माणाधीन भवन में काम करने वाले मजदूर बाल-बाल बच गए। हालांकि इस दुर्घटना से कोई जनहानि नहीं हुई, मगर बड़ा हादसा होने से टल गया। वहीं ठेकेदार मामले में लीपापोती करने की जुगत में लगा है।


जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत हसौद में संचालित शासकीय महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2 करोड़ 65 लाख रूपये की लागत से 100 बिस्तर युक्त हास्ॅटल का निर्माण पीडब्लूडी के माध्यम से कराया जा रहा है। वहीं विभाग द्वारा हसौद कालेज में छात्रावास निर्माण का ठेका कोरबा के ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है, मगर यहां विभागीय उदासीनता व ठेकेदार के मनमाने रवैये के चलते स्तरहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यहां निर्धारित मानक के अनुरूप निर्माण कार्य में सामान का उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही दीवारों में दरारें पड़ने लगी है। ग्रामीणों द्वारा विभाग के इंजीनियर टीपी महतो से इसकी शिकायत लगातार की जा रही है, बावजूद इसके संबंधित अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं ठेकेदार द्वारा कुछ दिन पूर्व निर्माणाधीन हॉस्टल में लेंटर की ढलाई का कार्य कराया जा रहा था। इस दौरान हॉस्टल की छत भरभराकर गिर गई। इस दौरान निर्माणाधीन भवन में कई मजदूर कार्य कर रहे थे, हालांकि इस दुर्घटना से कोई जनहानि नहीं हुई है। विभागीय उदासीनता व ठेकेदार की मनमानी के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया, बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। क्षेत्र में स्तरहीन निर्माण कार्य के चलते ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ने लगा है।