रीटेल में 90 रुपये के पार पहुंचा प्याज का भाव, एक महीने बाद ही मिलेगी राहत



 

 

प्याज की महंगाई ने राज्य सरकारों के भी आंसू निकाल दिए हैं। सप्लाई की किल्लत के चलते जहां सरकारी वेंड्स और वैन में सस्ते प्याज की बिक्री बंद हो गई है, वहीं रीटेल में इसके दाम एक बार फिर आसमान छूने लगे हैं। प्याज के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में बारिश के चलते फसल नष्ट होने से दिल्ली की मंडियों में विदेश से आयातित और दूसरे राज्यों का प्याज आ रहा है, फिर भी यहां सप्लाई रोजाना 500 टन कम है।




  • दिल्ली की मंडियों में दूसरे राज्यों से प्याज की सप्लाई हो रही है

  • अभी भी यहां रोजाना 500 टन कम प्याज की सप्लाई हो रही है

  • ट्रेडर्स अब अनिश्चितकाल तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं



इस बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को देशभर में ट्रेडर्स के लिए प्याज की स्टॉक लिमिट से जुड़े प्रतिबंध की अवधि अनिश्चित काल तक बढ़ाने का निर्णय किया। वहीं फूड ऐंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर रामविलास पासवान ने यह बताने में असमर्थता जताई कि प्याज के दाम कब तक सामान्य होंगे। उन्होंने कहा, 'यह हमारे हाथ में नहीं है। सरकार अधिकतम प्रयास कर रही है, लेकिन कुदरत से कौन जीत सकता है।' उन्होंने कहा, 'रीटेलर्स और होलसेलर्स के लिए स्टॉक होल्डिंग लिमिट अगले आदेश तक बढ़ाई जा रही है।' यह लिमिट सितंबर में लगाई गई थी। अभी रीटेलर 100 क्विंटल तक और होलसेलर 500 क्विंटल तक प्याज रख सकते हैं।

खुदरा दुकानों पर पिछले हफ्ते 60-70 रुपये किलो मिलता आ रहा प्याज अब 80-90 रुपये तक जा पहुंचा है। 30 रुपये किलो की दर से सरकारी किफायती प्याज की बिक्री बंद होने से भी इस तेजी को बल मिला है। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी प्याज बंद होने के पीछे दलील दी कि उन्हें केंद्र से प्याज नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, 'हम केंद्रीय एजेंसियों से ही लेकर जनता को प्याज बेचते हैं। मैं केंद्र को लिखूंगा कि वह दिल्ली सरकार को फिर प्याज की सप्लाई शुरू करे ताकि जनता को कुछ राहत मिल सके।'

उधर, आजादपुर मंडी में बुधवार को अच्छी क्वॉलिटी का प्याज थोक में 50-65 रुपये किलो बिका, जबकि लोअर रेंज 30-35 रुपये तक थी। एपीएमसी आजादपुर के पूर्व चेयरमैन राजिंदर शर्मा ने बताय, 'महाराष्ट्र से सप्लाई बिल्कुल ठप है। फिलहाल 5 गाड़ी अफगानिस्तान और 60 गाड़ी प्याज राजस्थान से आ रहा है। अफगानिस्तान से आने वाला प्याज 35 से 45 रुपये किलो की रेंज में बिक रहा है। सामान्य दिनों में यहां रोजाना औसतन 80 गाड़ियां आती हैं। फिलहाल 20 गाड़ियां (500 टन) कम आ रही हैं।' उन्होंने बताया कि दिल्ली की खपत के हिसाब से सप्लाई का संकट नहीं है, लेकिन यहां से इन दिनों कई दूसरे राज्यों में भी माल जाता है। जब तक नई फसल नहीं आती, कीमतों में गिरावट की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर के बाद से नई फसल आनी शुरू हो जाएगी।

पुणे में मंडियों में रेट 70 रुपये किलो
दूसरी ओर महाराष्ट्र की मंडियों में ही प्याज की सप्लाई का संकट बड़ा होता जा रहा है। पुणे से मिली रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को राज्य की कई मंडियों में थोक रेट 70 रुपये के ऊपर चला गया, जबकि रीटेल कीमतें 110 रुपये किलो तक दर्ज की गईं। सोलापुर, संगमनेर और वासी में इस हफ्ते प्याज की औसत थोक कीमतें 75 रुपये किलो दर्ज की गई हैं।

6090 टन प्याज होगा आयात
केंद्र सरकार ने 6090 टन प्याज आयात करने का फैसला किया है, लेकिन ट्रेडर्स को उम्मीद नहीं है कि इससे कीमतों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। आजादपुर में प्याज व्यापारी सुरेंद्र बुद्धिराजा ने कहा कि हाल फिलहाल में कीमतों में मामूली नरमी की ही उम्मीद की जा सकती है। नई फसल की पीक सप्लाई फरवरी में होगी। अगर मौसम ठीक रहा तो तब जाकर कीमतें सामान्य हो सकती हैं। हालांकि थोक के मुकाबले रीटेल कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई जा रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए एपीएमसी अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं।