शरद पवार ने एक बार फिर अपने दिग्गज नेतृत्व का परिचय दिया है


 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर अपने दिग्गज नेतृत्व का परिचय दिया है। उनके भतीजे अजित पवार के बागी होकर हाई-वोल्टेज विद्रोह करने के बाद पार्टी में सब कुछ समान करके उन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि वे इस राजनीतिक खेल के पुराने खिलाड़ी और एक ताकतवर मराठा नेता हैं।

विद्रोह के तीन दिनों के अंदर वे न केवल अपने विधायकों को एक साथ रखने में कामयाब रहे, बल्कि अजीत पवार का इस्तीफा दिलाकर वे चार दिन पुरानी फडणवीस सरकार को गिराने में कामयाब रहे। अजित पवार को अकेला छोडक़र सभी राकांपा विधायक शरद पवार के पास वापस लौट आए थे। शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र राज्य गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक नहीं है।

चार दशक पहले 38 वर्ष की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने शरद पवार अभी भी महाराष्ट्र की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते हैं। वे तीन बार मुख्यमंत्री और कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में वे केंद्रीय मंत्री थे। संप्रग के चुनाव हारने के बाद से राकांपा केंद्र और राज्य दोनों में एक सीमांत खिलाड़ी थी। लेकिन 24 अक्टूबर, 2019 के विधानसभा परिणाम आने के बाद से शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति की धुरी बने।


 

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