स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी कार्वी के द्वारा घपले की आ रही श‍िकायत


 


हैदराबाद की स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी कार्वी द्वारा बड़ी गड़बड़ी की खबरें आ रही हैं. कंपनी ने 600 करोड़ रुपये की रकम जुटाने के लिए अपने क्लाइंट के 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूति (securities) तीन निजी बैंकों और एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के पास गिरवी रख दिए है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) इस मामले की जांच कर रहा है.


सिक्यूरिटीज में शेयर, बॉन्ड, कॉरपोरेट डिपॉजिट आदि आते हैं. कार्वी भारत का सबसे बड़ा ब्रोकरेज हाउस है. ग्राहकों के शेयर और फंड के दुरुपयोग के लिए इसके खिलाफ कई शिकायतें की गई हैं. शिकायत में अगर ब्रोकर के खिलाफ जांच सही पाई गई तो निवेशकों को इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड से पैसा वापस मिल जाएगा, लेकिन यह क्षतिपूर्ति काफी सीमित होती है.


क्या हुई कार्रवाई


इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) ने अपने करीब 95,000 ग्राहकों के सिक्यूरिटीज को करीब 600 करोड़ रुपये के लोन लेने के लिए जमानत के रूप में इस्तेमाल किया. पिछले हफ्ते शुक्रवार को सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को नए ग्राहक जोड़ने और मौजूदा ग्राहकों से डीलिंग को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया था.


असल में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सेबी को कार्वी द्वारा ग्राहकों की प्रतिभूति को गिरवी रखने या उनके दुरुपयोग के बारे में प्रांरभिक रिपोर्ट दी थी. यह जांच ग्राहकों के करीब 2000 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी के दुरुपयोग के बारे में था. एनएसई ने अन्स्र्ट ऐंड यंग (EY) को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग की फॉरेंसिक ऑडिट का काम सौंपा है.