उत्तराखंड में हुई बर्फबारी कई जगह परेशानी का सबब बनी


उत्तराखंड में गुरुवार को हुई बर्फबारी कई जगह परेशानी का सबब बनी हुई है। तापमान में भारी गिरावट के बाद जहां एक ओर हाड कंपाने वाली ठंड शुरू हो गई है वहीं गंगोत्री और मलारी हाईवे भी बंद हो गया है। मलारी हाईवे चीन सीमा के पास सेना के जवानों की आवाजाही के लिए बंद होने से काफी परेशान उठानी पड़ रही है। वहीं कई गांव से भी संपर्क कट गया है


गंगोत्री हाईवे का करीब 40 किमी हिस्सा पूरी तरह बर्फ से पटने के कारण यहां वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। बीआरओ के जवान यहां यातायात बहाली के प्रयास में जुटे हैं, लेकिन बर्फबारी का सिलसिला जारी रहने और कड़ाके की ठंड के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में गंगोत्री धाम तथा मुखबा, हर्षिल, धराली, झाला, जसपुर, पुराली आदि गांवों का देश दुनिया से संपर्क कट गया है। 




उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बीते तीन दिनों से हो रही भारी बर्फबारी के कारण हॉर्न ऑफ हर्षिल अभियान को स्थगित कर दिया गया है। खराब मौसम और हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए टीम लीडर ने पर्वतारोहियों को वापस बुला लिया है। यह दल वहां बर्फ के बीच फंस गया था। हालांकि मौसम साफ होने के बाद 12 सदस्यीय पर्वतारोही दल हर्षिल क्षेत्र स्थित करीब 4800 मीटर तथा 5300 मीटर ऊंची दो अनाम व कभी न चढ़ी गई चोटियों का आरोहण करेगा

 




गुरुवार को बदरीनाथ धाम में लगभग पांच और हेमकुंड साहिब में छह फीट तक ताजी बर्फ जम गई है। औली में भी एक फीट तक बर्फ जम गई है। नीती और माणा घाटियों में भी जमकर बर्फबारी हुई है। चमोली में भारी बर्फबारी के कारण जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बृहस्पतिवार को विद्यालयों में अवकाश घोषित किया। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन भी बंद करने के निर्देश दिए। 




बर्फ की आगोश में कैद गांवों के अलावा निचले इलाकों में भी जबर्दस्त ठंड के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ में भारी बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्यों पर ब्रेक लग गया है। अगर, मौसम जल्द नहीं सुधरा तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।




साथ ही केदारनाथ में बिजली, पानी और संचार सेवा के संचालन में मुश्किलें आ सकती हैं। भारी बर्फबारी के कारण 110 मजदूर वापस सोनप्रयाग लौट आए हैं। धाम में पांच फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। यहां तापमान भी माइनस 12 डिग्री तक पहुंच गया है