विपक्ष को वित्त मंत्री की दो टूक- भारत में मंदी नहीं


राज्यसभा में बुधवार को भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा हुई. विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से सरकारी कंपनियों में विनिवेश के मुद्दे को उठाया गया. विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकास दर में थोड़ी कमी आई है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मंदी है. अर्थव्यवस्था में विकास को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए गए 32 कदम अच्छे नतीजे दे रहे हैं.


जीडीपी की विकास दर पर सवाल


दरअसल राज्यसभा में दो बजे से देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की शुरुआत हुई. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि जीडीपी की विकास दर कम हो रही है. रोजगार घट रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, भारत का किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है. अमीर और गरीब के बीच में खाई बढ़ती जा रही है. पिछले पांच वर्षों में देश की संपत्ति में एक फीसदी अमीरों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो गई है. आज जो हालात हैं, वह केवल मंदी नहीं है. अर्थव्यवस्था गहरे आर्थिक संकट की तरफ बढ़ चली है.


दिग्विजय ने भी दागे सवाल


कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में देश की आर्थिक स्थिति पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान कहा कि आप कोई भी बैंक देख लीजिए अजीब बात है कि पब्लिक सेक्टर बैंक की हालत खराब होती जा रही है और प्राइवेट बैंक की रिजर्व बढ़ती जा रही है. पीएम मोदी देश की आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं. उनके साथ समस्या यह है कि वे पहले निर्णय लेते हैं, बाद में सोचते हैं. नोटबंदी और फिर जीएसटी के साथ भी वही हुआ था. पीएम के पास लोगों को फिक्स करने की विशेषज्ञता है, लेकिन अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए उनके पास अनुभव नहीं है.