आलू-प्याज के दाम और बढ़े, रसोई का बजट बिगड़ रहा


आधा दिसंबर बीत चुका है, लेकिन अब भी मूली और गोभी के परांठे घरों में कम ही बन रहे हैं। इतना ही नहीं, दूध और गाजर के भाव भी बढ़ने की वजह से इस बार जुबान तक हलवे का स्वाद भी नहीं पहुंच रहा है। यह कहना है गुड़गांव की मंडियों में मोलभाव करती महिलाओं का। दरअसल, बारिश के बाद सब्जियों के रेट में इजाफा हो गया है। गोभी, पालक, मेथी, बथुआ, भी 40-45 से नीचे नहीं मिल रही हैं, जबिक गाजर का रेट 50 रुपये प्रति किलो के करीब है।



ठंड की शुरुआत के साथ ही नई फसलों की आवक जोर पकड़ने से अक्सर सब्जियों के दाम में नरमी आती है, लेकिन इस साल अब तक ऐसा नहीं हुआ है। प्याज के दाम पहले ही आसमान छू रहे थे, अब बारिश की वजह से सीजनल सब्जियां भी काफी महंगी हो गई हैं। सबसे ज्यादा आलू के दाम चौंका रहे हैं। यह 30-40 रुपये किलो में बिक रहा है। वहीं, गाजर-मूली के दाम भी 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो हो गए हैं।


इस बार ठंड के साथ सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। 20 से 30 रुपये प्रति किलो में मिलने वाला मटर इस समय 50 से 70 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है।


हिमाचल-पंजाब से नहीं आ रहीं सब्जियां
हरियाणा फ्रेश के संचालक नवीन यादव बताते हैं कि मटर की आवक पंजाब और हिमाचल प्रदेश से होती है। बारिश के बाद मटर के रेट बढ़े हैं। वहीं गोभी, पालक, मेथी के रेट भी इस बार उम्मीद के मुताबिक नहीं हैं, जबकि प्याज, अदरक को छोड़कर सभी सब्जियों के दाम दिसंबर के पहले सप्ताह में मौजूद रेट के लगभग आधे थे।


चंद्रप्रभा,न्यू कॉलोनी ने कहा, 'ठंड में भी हरी सब्जियां भी आसमान छू रहे हैं। गाजर भी 50 रुपये किलो बिक रही है। इसलिए हलवा भी एक ही बार बना। पालक, मैथी, बथुआ भी लोगों की पहुंच से दूर हो रही है।'

विरेंद्र चौहान, सेक्टर-9 ने कहा, 'पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई, तो महंगाई और ज्यादा बढ़ेगी। सब्जियों के कीमतें आसमान छू रही है। इनके रेट ऐसे ही बढ़ते रहे तो सब्जी का विकल्प ढूंढ़ना पड़ेगा। फिलहाल तो कम मात्रा में लेकर ही गुजारा कर रहे हैं।'

लक्ष्मी देवी, पटेल नगर ने कहा, 'दाम कम नहीं होने से इस बार गोभी-मूली के पराठे ज्यादा नहीं बने। महंगाई से घर का बजट भी अब बिगड़ने लगा है। इस समय मंडी में कोई भी सब्जी 40-50 रुपये से कम में नहीं है। प्याज तो एक महीने से महंगी बिक रही है।'