अपनी सोच में लाएं ये बदलाव नए साल में लड़कियों को लेकर


नया साल अपने साथ उत्साह और उमंग लेकर आता है। खुशियां लेकर आता है। हर कोई कुछ न कुछ संकल्प लेता है। ऐसे में अगर आपकी सोच लड़कियों और महिलाओं को लेकर अभी भी जेंडर स्टीरियोटाइप है तो अपनी इस सोच में फौरन बदलाव लाएं। लिंग संबंधी रुढ़ियों से ग्रसित समाज कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है। आप घर में लड़कियों और महिलाओं को लेकर भेदभाव फौरन बंद कर दें। और न ही बेटी को बेटा बनाने की कोशिश करें। बेटी को बेटी ही रहने दें और उसकी उड़ान पर पाबंदी न लगाएं।
लड़कियों और महिलाओं को अबला और बेचारी न समझें। भूलकर भी कभी तुम लड़की हो या आप महिला हैं ये काम नहीं कर  सकती जैसी बातें न कहें। अगर आप लड़कियों को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझते हैं या फिर आपके आसपास किसी की ऐसी सोच है तो नए साल में संकल्प लें कि आप उसकी इस सोच में परिवर्तन लाएं


21वीं सदी में किसी भी काम को लेकर महिला और पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म हो गया है। महिलाएं और लड़कियां आज हर क्षेत्र में आगे हैं और पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। राजनीति से लेकर सैन्य और मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर बैंकिंग, हर क्षेत्र में लड़कियों एंव महिलाओं ने अपने आप को साबित कर दिखाया है।
नारी मजबूत और सशक्त है। अपने दिमाग में इस बात को बैठा लें और इस साल संकल्प लें कि आप न ही अपने घर में जेंडर को लेकर होने वाले भेदभाव को बढ़ावा देंगे और न ही खुद करेंगे। लड़कियों के रहन-सहन और लाइफस्टाइल को लेकर कमेंट करना बंद कर दें।