भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता होने के बावजूद राज्यों में कमजोर


लोकसभा चुनाव 2019 में जीत के नए कीर्तिमान स्थापित करने वाली भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता होने के बावजूद राज्यों में कमजोर होती जा रही है. 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जहां बीजेपी को इतिहास रचने का मौका दिया तो उसके बाद हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए निराशाजनक रहे. महाराष्ट्र में जहां शिवसेना से साथ छोड़कर बीजेपी को सत्ता से आउट कर दिया तो हरियाणा में दुष्यंत चौटाला बीजेपी के तारणहार बने. लेकिन झारखंड की जनता ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है.


झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान कराया गया था, जिसके बाद आज (23 दिसंबर) को नतीजे आ रहे हैं. अब तक के रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस का गठबंधन अपने दम पर सरकार बनाता दिखाई दे रहा है, जबकि शुरुआत से ही बीजेपी पिछड़ती नजर आ रही है. ऐसे में अगर यही रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो झारखंड से बीजेपी की सत्ता खिसकना तय है. अगर ऐसा होता है तो यह बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव के बाद एक और बड़ा झटका होगा.


23 मई के बाद झटके पर झटके


मई में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीते अक्टूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सत्ता थी. महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चला रही थी, जबकि हरियाणा में उसकी पूर्ण बहुमत वाली सरकार थी. लेकिन मौजूदा चुनाव के रिजल्ट बीजेपी के लिए अच्छे नहीं रहे. 281 सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी तो लेकिन उसकी सहयोगी शिवसेना ने सीएम पद पर झटका दे दिया. शिवसेना ढाई-ढाई साल दोनों पार्टियों के सीएम की मांग पर अड़ गई. बीजेपी इसके लिए राजी नहीं हुई और शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन से सरकार बना ली. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए और इस तरह बीजेपी के हाथ से महाराष्ट्र जैसा बड़ा राज्य निकल गया.