डॉ प्रियंका रेड्डी हत्या काण्ड: कसूरवार को मिले फांसी, तभी रुकेगी दरिंदगी


सर्वसमाज सर्वव्यवसायिक कल्याण एसोसिएशन और छत्रिय स्वर्णकार महासभा द्वारा जताया गया आक्रोश।


बार-बार निगाह के सामने ऐसी तस्वीर आ जाती है, जिससे दिल-ओ-दिमाग झंकृत हो उठता है। वर्ष 2012 में निर्भया कांड ने देश के आम जनमानस में संवेदनाओं को झकझोर दिया था। देश भर में कैंडल मार्च निकालकर लोगों ने दोषियों को फांसी देने की वकालत भी की थी। मगर, अफसोस इतने वर्षों में भी दुष्कर्मी को फांसी देने का कानून तक नहीं बन पाया।एक बार फिर हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक पशुवत सोच रखने वाले दरिंदों की भेंट गईं। इन दरिंदों ने उसके साथ दुष्कर्म कर उसे जलाकर मौत की नींद सुला दी। देश एक बार फिर गुस्से में है। आप भी होंगे। होना भी चाहिए। वक्त आ गया है कि इन दरिंदों को फांसी की सजा मिले और कानून भी फांसी का बने, ताकि आइंदा कोई ऐसी हिमाकत न कर सके। इसी गंभीर मुद्दे पर शहर की बुद्धिजीवी महिलाओं ने अपनी राय रखी। आप भी पढ़िये, उनके दर्द रूपी शब्द को...।

बहुत हो गया। अब इन दुस्साहसिक घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। कभी निर्भया तो कभी कठुआ कांड और अब एक पशु चिकित्सक हत्याकांड। अब फास्ट ट्रैक कोर्ट की जरूरत है, क्योंकि निर्भया को इंसाफ नहीं मिला है। समाज, प्रशासन, सरकार को आगे आकर इसकी चिंता करनी होगी। निर्भया जैसा गुस्सा दिखा था, वैसा गुस्सा फिर दिख रहा है। पुरुषों को अपनी सोच महिला के प्रति बदलनी होगी। कैपिटल पनिशमेंट और फास्ट ट्रैक अदालतों की संख्या बढ़ाने की काफी जरूरत है। यह बात राष्ट्रपति भी कह चुके हैं। पुलिस पेट्रोलिंग होनी चाहिए। महिलाएं भी किसी गलत हरकत को नजरंदाज न करें, तत्काल पुलिस की मदद लें।