हीटर और गीजर का इस्तेमाल से त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ी


 

ठंड से बचने के लिए हीटर और गीजर का इस्तेमाल से त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ गई है। खांसी, जुखाम, बुखार के साथ ही अस्पतालों में लोग हाथ-पैरों में जगह जलन और खुजली की शिकायत लिए पहुंच रहे हैं। बीके सिविल अस्पताल और ईएसआईसी की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है। एनआईटी तीन स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल व सिविल अस्पताल बीके की त्वचा रोग विभाग ओपीडी में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
 

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की त्वचा रोग विभाग ओपीडी में एक सप्ताह पूर्व रोजाना करीब 120 मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे। तापमान में आई गिरावट और ठंड बढ़ने के साथ ही ओपीडी मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। ओपीडी में अब रोजाना करीब 200 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है। मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह हीटर और गीजर को बताया गया है। 

अस्पताल की वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सांता पाशी ने बताया कि इन दिनों कई मरीज सांस लेने में दिक्कत, खांसी, सिरदर्द, त्वचा से संबंधित समस्यायों के अस्पताल आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा देर तक हीटर जलाने से कमरे का तापमान कम हो जाता है और नमी का स्तर समाप्त हो जाता है। इस वजह से सामान्य व्यक्ति को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। त्वाचा रूखी हो जाती है। 

हाथ-पैरों के साथ शरीर के अन्य भाग पर खुजली हो सकती है। इससे बचने के लिए हीटर का इस्तेमाल करते समय कमरे में एक बाल्टी पानी जरूर रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे। डॉ. सांता ने कहा कि कमरे में अंगीठी जलाना भी खतरनाक है। अंगीठी से कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का स्तर घट जाता है, इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए अंगीठी का इस्तेमाल करने से बचें।

रखें ये सावधानियां


- बंद कमरे में रूम हीटर का इस्तेमाल न करें।
- कमरे की खिड़की थोड़ी खुली रखनी चाहिए, जिससे हवा प्रभाव बना रहे। 
- रात में कमरा गर्म रखने के लिए हीटर या अंगीठी का इस्तेमाल करते समय प्लास्टिक, कपड़े, ज्वलनशील पदार्थ पास में न रखें।