खत्म हुआ शेख अब्दुल्ला जयंती पर अवकाश,जम्मू-कश्मीर विलय दिवस के दिन अब होगी छुट्टी




 

नए जम्मू-कश्मीर में शेख अब्दुल्ला की जयंती तथा शहीदी दिवस की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। काफी समय से जम्मू संभाग के लोगों की ओर से मांग की जा रही महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी की घोषणा तो नहीं की गई है, लेकिन विलय दिवस पर अवकाश की घोषणा कर दी गई है। 
 

छुट्टियां रद करने तथा नए छुट्टी को शामिल करने से आने वाले दिनों में सियासत गरमा सकती है। छुट्टियां खत्म किए जाने से नेकां तथा अन्य विपक्षी दल आंदोलन कर सकते हैं।

उप राज्यपाल प्रशासन की ओर से शुक्रवार की शाम को जारी किया गया। इसमें 13 जुलाई की शहीदी दिवस तथा पांच दिसंबर की शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के जन्मदिन पर अवकाश रद कर दिया गया है। 

साथ ही विलय दिवस पर 26 अक्तूबर को अवकाश घोषित कर दिया गया है। 2019 के लिए घोषित की गई छुट्टियों में पूरे प्रदेश में 28 दिन का अवकाश था। नए साल के लिए जारी सूची में 27 दिन का अवकाश होगा। कश्मीर व जम्मू संभाग की छुट्टियों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। 

लेकिन स्थानीय छुट्टियों की संख्या घटकर आठ रह गई है। क्योंकि पहले लद्दाख की छुट्टियों को लेकर इसकी संख्या 12 थी। प्रतिबंधित छुट्टियों में भी किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है।

छुट्टियों की संख्या घटकर 46 हुईं
लद्दाख की स्थानीय छुट्टियां हटाए जाने से अब कुल छुट्टियों की संख्या 46 रह गई है। वर्ष 2019 में कुल 51 छुट्टियों की सूची जारी की गई थी। इसमें गजटेड छुट्टियां 28, कश्मीर संभाग की चार, जम्मू संभाग की तीन, स्थानीय-12 तथा प्रतिबंधित छुट्टियां चार थीं। वर्ष 2020 के लिए जारी सूची में गजटेड छुट्टियां 27, कश्मीर संभाग की चार, जम्मू संभाग की तीन, स्थानीय-04 तथा प्रतिबंधित छुट्टियां चार हैं।

आदेश जारी होते ही सोशल मीडिया से लेकर हर ओर चर्चा
शाम को अवकाश सूची जारी होते ही जम्मू से लेकर कश्मीर तक सभी जगह इसकी चर्चाएं शुरू हो गईं। सोशल मीडिया पर भी पक्ष-विपक्ष में तर्क रखे जाने लगे। किसी ने फैसले को सराहा तो किसी ने सरकार के फैसले की आलोचना की।

नेकां-कांग्रेस फैसले के विरोध में तो भाजपा-पैंथर्स ने किया स्वागत
मुर्मू प्रशासन के छुट्टियों से संबंधित फैसले का कुछ राजनीतिक दलों ने स्वागत किया तो कुछ ने तीखी आलोचना। भाजपा व पैंथर्स का कहना है कि इस फैसले से राष्ट्रवादी भावना प्रबल होगी। जम्मू ही नहीं बल्कि कश्मीर के लोग भी खुश होंगे। नेकां व कांग्रेस ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है।