महिलाओं की सुरक्षा उनके खुद के हाथों में है, इन 5 टिप्स से ख़ुद करें अपनी सुरक्षा!


 दिल्ली में ठंड के सुहाने मौसम के साथ ही सड़कों पर जल्दी सन्नाटा छा जाता है। दिसंबर और जनवरी के महीने में ठंड की वजह से लोग अक्सर जल्दी घर लौट जाते हैं और सड़कें 8-9 बजे के बाद से ही सुनी होने लगती हैं। वक्त ऐसा है जो महिलाओं के लिए खासकर सुरक्षित नहीं माना जाता। 7 साल पहले आज ही का दिन था वो जब 16 दिसंबर की रात दिल्ली में निर्भया के साथ दर्दनाक घटना हुई थी, जिसे याद करते हुए भी हर किसी रूह कांप उठती है।      


निर्भया के साथ यह हादसा करीब रात के 8 बजे हुआ, वो भी एक ऐसी जगह जहां चहल पहल रहती हैं। ये हादसा आखिरी नहीं था उसके बाद भी लगातार हर दिन ऐसे हादसे सामने आ रहे हैं। जिसके बाद हर महिला और लड़की के दिल में यही डर रहता है कि कहीं उनके साथ ऐसा न हो जाए। 


लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि इसके डर से लड़कियां बाहर जाना छोड़ दें और घर पर बैठ जाएं। खासकर जो लड़कियां कामकाजी हैं या पढ़ रही हैं, उनके लिए जल्दी घर आ जाना या फिर घर से न निकलना इस समस्या का हल नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा उनके खुद के हाथों में है और उन्हें थोड़ा सचेत रहने की ज़रूरत है। इसलिए आज हम आपको दे रहे हैं ऐसे टिप्स जिसकी मदद से आप सचेत रह सकती हैं और अपनी सुरक्षा भी कर सकती हैं। 


सचेत रहें और खुद को कमज़ोर न समझें


अगर आपको लगे कि कोई संदिग्ध व्यक्ति आपका पीछा कर रहा है या आप किसी मुसीबत में हैं तो फौरन 100 नंबर फोन कर सूचना दें। अपने आप को कमज़ोर न समझें, हिम्‍मत और हर हालात का सामना करने का हौसला रखें। दिल को मज़बूत रखें और किसी भी तरह की मुश्किल परिस्थिती का आप सामना कर सकेंगी।


ड़कियों को खासकर अगर अकेले जाती हैं तो बैग में सुरक्षा के लिए टूल्‍स ज़रूर रखने चाहिए। जैसे पेपर स्प्रे, स्विज़ नाइफ या कोई नुकीली चीज़। जो हमलावर की आंखों, मुंह या नाक पर वार करने के काम आए। सामने से अगर कोई छेड़खानी की कोशिश करे तो उसे ज़ोरदार किक मारकर घायल कर सकती हैं। 


सुनसान रास्तों या सड़कों को जाने से बचें


ऑफिस या फिर लेट नाइट क्लासेज़ से वापस घर जाने में अगर आपको देर हो जाती है तो अंधेरे और सुनसान सड़क पर अकेले न जाएं। मेट्रो अगर पास है तो ठीक है लेकिन अगर थोड़ी भी दूर है तो कैब या ऑटो बुक कर लें। साथ ही अपनी कैब या ऑटो का नम्बर घर पर भी बता दें और हो सके तो गूगल मैप्स के ज़रिए अपनी लोकेशन भी शेयर कर दें ताकि आपके घरवाले आपको ट्रेक कर सकें। 


चिल्लएं और शोर मचाएं


अगर चलते समय कोई अचानक आपसे छेड़छाड़ करता है तो बिना ज़्यादा सोचे शोर मचाएं और मदद के लिए आसपास के लोगों को बुलाएं। लोगों के इकट्ठा होने से हमलावर घबरा जाएगा और वहां से भाग जाएगा।


हेडफोन्स कभी न लगाएं 


ऑफिस से वापस जाते वक्त अगर न चाहते हुए भी आपको सुनसान सड़के से गुज़रना पड़ रहा है तो कानों में हेडफोन्स न लगाएं। हेडफोन से आपको कम सुनाई देता है, ऐसे में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति आपका पीछा कर रहा है तो आपको पता ही नहीं चलेगा। हेडफोन लगाएं भी हैं तो उसमें गाने न चलाएं और सचेत रहें। ज़रूरत पड़ने पर जल्दी से अपने परिवार या दोस्त को फोन लगाएं।