पूर्व सीएम अखिलेश यादव यूपी विधानसभा के बाहर उन्नाव दुष्कर्म मामले के विरोध में धरने पर


सफदरजंग अस्पताल में चल रहा पीड़िता का पोस्टमार्टम खत्म हो गया है। करीब एक घंटे तक चले इस पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसे फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. वाही के नेतृत्व में किया गया।


समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव यूपी विधानसभा के बाहर उन्नाव दुष्कर्म मामले के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं।


उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। इसे लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। इसी के तहत कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ से उन्नाव के लिए रवाना हो गई हैं, जहां वह पीड़ित परिवार से मिलेंगी। वह किसी भी समय उन्नाव पहुंच सकती हैं।


पीड़िता के शव का सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमार्टम चल रहा है, जिसकी वीडियोग्राफी भी की जा रही है।

योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता की मौत पर दुख जताया है और कहा है कि सभी आरोपी पकड़े गए हैं और यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे।


उत्तर प्रदेश के न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि, यह बहुत दुख की बता है कि आज पीड़िता हमारे साथ नहीं है। हम संबद्ध अदालत से अपील करेंगे कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाए और हम ये भी अपील करेंगे कि इस केस की रोजाना सुनवाई हो। ब्रजेश पाठक से जब उस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया जिसमें उन्नाव में 11 महीने में 86 रेप होने की बात कही गई तो वह बोले कि इस केसों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। हम अपराधियों को सजा दिलाकर रहेंगे, चाहे वो कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों। हम सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे


सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट सुनील गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम सुबह 10 बजे डॉ. एमके वाही की अध्यक्षता में होगा। डॉ. गुप्ता ने ये भी बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस और दिल्ली पुलिस अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे हैं, वो फॉरेंसिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे।


उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का भाई उसके साथ अस्पताल में ही मौजूद था और अंतिम वक्त में उसके साथ ही रहा। जब बहन की मौत के बारे में उससे मीडिया ने सवाल किया तो उसने कहा कि, 'मेरे पास सच में कुछ कहने को नहीं है। मेरी बहन अब हमारे साथ नहीं है, मेरी सिर्फ एक ही मांग है कि पांचों आरोपियों को मौत की सजा ही मिलनी चाहिए और कुछ नहीं।'



फदरजंग अस्पताल में बर्न और प्लास्टिक विभाग के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे वेंटीलेटर पर हरकत हुई और पीड़िता का ब्लड प्रेशर गिरने लगा। डॉक्टरों ने एक साथ दवाओं की डोज शुरू की, साथ ही उसके हाथ पैरों को मलना शुरू किया।

इससे रात 9.25 बजे ब्लड प्रेशर थोड़ा ठीक हुआ, लेकिन 11.10 पर फिर से हालत बिगड़ी, आनन फानन में डॉक्टरों की टीम ने उसे दो इंजेक्शन दिए लेकिन 11.30 पर कार्डियक अटैक आने से उसकी धड़कनों की गति कम होने लगी और ब्लड प्रेशर भी कम होता गया। इसके बाद 11.40 मिनट पर पीड़िता को मृत घोषित कर दिया गया।





उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार की रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। 44 घंटे तक जिंदगी की जंग लड़ने वाली पीड़िता अपने आखिरी समय में भी आरोपियों को सजा दिलाने की ही बात करती रही। आज सुबह 10 बजे उसका पोस्टमार्टम होगा।

बता दें कि पीड़िता को गुरुवार देर रात लखनऊ के सिविल अस्पताल से एयरलिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता ने इलाज के दौरान अपने भाई से आखिरी बार कहा था कि जिन्होंने मेरी ऐसी हालत की है, उन्हें छोड़ना मत। साथ ही उसने यह भी कहा था कि अभी वह मरना नहीं चाहती है।

दुष्कर्म के आरोपियों ने उसे जलाकर मारने की कोशिश की थी, जब वह अपने घर से स्टेशन के लिए गुरुवार सुबह निकली थी। वह लगभग 90 फीसदी जल चुकी थी, इसलिए उसकी हालक नाजुक हो गई थी। उसे एयरलिफ्ट कर लखनऊ से दिल्ली लाया गया था। अस्पताल के डाक्टरों के मुताबिक, पीड़िता की हालत रात 8.30 बजे से ही बिगड़ने लगी थी।


इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार


उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला
उन्नाव में गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता पर आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे जलाकर मारने की कोशिश की। इसमें पीड़िता 90 फीसदी जल गई थी। चश्मीदीदों के मुताबिक पीड़िता आग लगने के बाद करीब एक किमी तक मदद की गुहार लगाते हुए दौड़ती रही थी। यहां तक की उसने खुद ही 112 पर फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी थी, जिसके बाद वहां पुलिस की टीम और एंबुलेंस पहुंची थी।