रेलवे रिजर्वेशन में वीआईपी पहचान दिलाने की कवायद


एकतरफ जहां सरकारें वीआईपी कल्चर समाप्त कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ विधानसभा के सदस्यों को रेल यात्रा के लिए रिजर्वेशन में वीआईपी पहचान देने की व्यवस्था की जा रही है। इससे विधायकों को रेल यात्रा में अलग से कोई पहचान की जरूरत नहीं होगी, बल्कि रिजर्वेशन के दौरान ही विधायक की पहचान का चिन्ह ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा। हालांकि विधायकों के रेल यात्रा टिकट में कूपन सिस्टम समाप्त किए जाने पर अभी रेलवे सहमत नहीं है, जिससे कुछ राज्यों को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों की इसको लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति द्वारा नवंबर में रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न् मुद्दों पर चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक इसमें रिजर्वेशन के लिए कूपन व्यवस्था के स्थान पर कार्ड सिस्टम लागू करने पर जब विधानसभा की समिति ने रेल मंत्री से चर्चा की तो उन्होंने इस बारे में सभी राज्यों से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लेने की बात रखी।


 

साथ ही कहा कि कार्ड व्यवस्था के लिए सभी राज्यों की सहमति जरूरी है, क्योंकि पूरे देश में एक जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। अन्यथा रेलवे को असुविधा होगी और दो तरह की व्यवस्था से परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि रेल मंत्री ने मप्र विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति को यह कहा है कि वे विधानसभा सदस्यों को रिजर्वेशन, वीआईपी रिजर्वेशन कोटा और ट्रेन में पहचान की समस्या के लिए नई व्यवस्था करने जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर में ही रिजर्वेशन के समय काउंटर पर कूपन लेते समय विधानसभा सदस्य की पहचान के लिए विशेष चिन्ह अंकित कराया जा रहा है। इस चिन्ह से विधानसभा सदस्य के टिकट पर वीआईपी पहचान अंकित हो जाएगी। इससे रेल यात्रा के प्रतीक्षा सूची में टिकट होने पर वीआईपी रिजर्वेशन कोटे में आवेदन करने तथा ट्रेन में टिकट चैकिंग के दौरान पहचान पत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं रहेगी।


 


विधानसभा के सदस्यों को रेल यात्रा के दौरान रिजर्वेशन के दौरान वीआईपी पहचान के लिए रेलवे द्वारा अलग व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में मप्र विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति द्वारा रेल मंत्री से मुलाकात के दौरान इस समस्या को उठाया गया था। उन्होंने रेलवे रिजर्वेशन में कूपन सिस्टम की जगह कार्ड या दूसरा सिस्टम बनाने की मांग उठाई थी। हालांकि इस मांग पर तो सभी राज्यों से चर्चा का आश्वासन मिला, लेकिन वीआईपी पहचान के लिए नई व्यवस्था बनाने पर सहमति दी थी। टिकट लेते समय ही ऑनलाइन पहचान देने का आश्वासन दिया था।