सुरक्षा बलों की घाटी से वापसी पर स्थानीय लोगों ने जताई खुशी


जम्मू-कश्मीर से अतिरिक्त जवानों की वापसी के आदेश का कश्मीर की जनता ने स्वागत किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घाटी के हालात अब सामान्य हैं। ऐसे में सुरक्षा बलों को हालात के मुताबिक ही तैनात करना और हटाना चाहिए। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चरणबद्ध रूप से बाकी कंपनियों को भी हटाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी। 


 

जम्मू कश्मीर से 72 कंपनियों को घाटी से वापस बुलाया गया है। इसमें सीआरपीएफ की 24, बीएसएफ की 12, आईटीबीपी की 12, सीआईएसएफ की 12 और एसएसबी की 12 कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों को पुरानी लोकेशन पर भेजा जाएगा। स्थानीय निवासी मोहम्मद शफी ने बताया कि केंद्र का यह फैसला अच्छा और समय के अनुसार है। 

घाटी में अब ऐसी स्थिति भी नहीं है, जिसमें ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए जाएं। एक अन्य स्थानीय बशीर अहमद ने कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की थी। वर्तमान हालात पूरी तरह से पटरी पर लौट चुके हैं। सामान्य दिनों की तरह लोग अपनी दिनचर्या बिता रहे हैं। ऐसे में अन्य तमाम कंपनियों को भी वापस बुला लेना चाहिए। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पैदा होने वाले हालात देखकर ही अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाए गए थे। हालात की चूंकि समय समय पर समीक्षा की जाती है। वर्तमान में घाटी के हालात जांचने के बाद ही चरणवार रूप से अतिरिक्त सुरक्षा बलों को वापसी की जा रही है। 

जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के हटाने के फैसले के चलते करीब 43000 अतिरिक्त जवानों को बुलाया गया था। खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने घाटी के हालात का जायजा लिया था।