उन्नाव गैंगरेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत का फैसला आज


कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उससे रेप किया। मुकदमे में सहआरोपी शशि सिंह पर कथित तौर पर सेंगर की मदद करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित हुए केस में न्यायाधीन ने पांच अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी।

उधर, पीड़िता के वकील ने बताया कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए थे। बीजेपी टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। पीड़िता का परिवार एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि अदालत ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) को उनके लिए राष्ट्रीय राजधानी में किराए के आवास की व्यवस्था करने को कहा था।

सेंगर पर ये धाराएं भी
बता दें कि कोर्ट ने आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, रेप और पॉक्सो ऐक्ट की प्रासंगिक धाराओं के भी सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पीड़िता के पिता को 2018 में सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी बनाने और उन पर हमला करने के मामले में भी सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।

आरोप तय करते हुए यह कहा था कोर्ट ने

अदालत ने आरोप तय करते हुए कहा था, 'सेंगर और उनके सहयोगियों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता को चुप कराने के लिए आपराधिक साजिश रची थी ताकि वह शिकायत पर आगे नहीं बढ़ सकें।' जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बलात्कार पीड़िता के पिता की कथित हत्या तथा अवैध हथियार रखने के मामले में कथित तौर पर उन्हें फंसाने से जुड़े दो मामलों को जोड़ दिया। अदालत ने सेंगर और नौ अन्य पर आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरह से रोकना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (झूठे साक्ष्य)और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराधों का मामला दर्ज किया है।