देश में 70वें गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दिल्ली के राजपथ पर हर बार की तरह इस बार भी शानदार परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसके जरिए भारत दुनिया को अपना दम दिखाएगा।
इस परेड में भारतीय वायुसेना के कुल 41 विमान हिस्सा लेंगे। जिनमें सबकी नजर अमेरिकी हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक और लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे पर होगी। ये दोनों हेलीकॉप्टर आकाश में अपने शौर्य का प्रदर्शन करेंगे। वहीं भारतीय वायु सेना के वारंट अधिकारी अशोक कुमार वायुसेना के बैंका नेतृत्व करेंगे। वह पिछले 12 साल से इसका नेतृत्व कर रहे हैं।
इसके अलावा वायुसेना पांच मॉडल का प्रदर्शन भी करेगी, जिनमें रॉफेल लड़ाकू विमान, स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस, स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, आकाश एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल और अस्त्र मिसाइल सिस्टम शामिल होंगे। फ्लाइट लेफ्टिनेंट गगनदीप गिल और रीमा राय 148 सदस्यीय भारतीय वायु सेना में चयनित दो महिला अधिकारी हैं, जो इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगी।
चिनूक की सबसे बड़ी खासियत है तेज गति। पहले चिनूक ने 1962 में उड़ान भरी थी। यह एक मल्टी मिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। इसी चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था। वियतनाम से लेकर इराक के युद्धों तक शामिल चिनूक दो रोटर वाला हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर है।
भारत ने जिस चिनूक को खरीदा है, उसका नाम है CH-47 एफ है। यह 9.6 टन वजन उठा सकता है, जिससे भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियां लाने-ले जाने में सक्षम है।
दुनिया के सबसे घातक हथियारों में शुमार आठ अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में सेवारत हैं। भविष्य में ऐसे कुल 22 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में शामिल होंगे। अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने इस एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर को बनाया है।
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती है। हेलफायर मिसाइल किसी भी आर्मर्ड व्हीकल जैसे टैंक, तोप, बीएमपी वाहनों को पल भर में उड़ा सकती है। वहीं स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है। इसके साथ ही इसमें हाइड्रा-70 अनगाइडेड मिसाइल भी लगा होता है जो जमीन पर किसी भी निशाने को तबाह कर सकता है।