80 मुस्लिम नेताओं ने* मध्यप्रदेश भाजपा से दिया इस्तीफा


नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को भाजपा के लगभग 80 मुस्लिम नेताओं ने सीएए और एनआरसी के विरोध में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मुस्लिम नेताओं ने भाजपा के इस कानून को विभाजन की नीति बताया है।


इस्तीफा देने वाले नेताओं में से एक मुस्लिम नेता राजिक कुरैशी फारशीवाला ने कहा कि लगभग 80 मुस्लिम नेताओं ने नागरिकता कानून के विरोध में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखकर पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि सीएए को धार्मिक आधार पर विभाजन की नीति का समर्थन करने वाले नेताओं में भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कई पदाधिकारी भी शामिल हैं।

मुस्लिम नेता ने कहा कि सीएए कानून बनने के बाद से हमारे समुदाय के कार्यक्रमों में भाग लेना हमारे लिए मुश्किल हो रहा था। समुदाय के कार्यक्रम में लोग हमें भला बुरा कहते थे। पूछते थे कि हम कब तक इस विभाजन वाले (सीएए) कानून पर चुप रहेंगे। उन्होंने कहा किसी भी जाति-धर्म के उत्पीड़ित शरणार्थियों को भारतीय में नागरिकता मिलनी चाहिए।

फारसीवाला ने सरकार पर हमला बोलते हिए कहा की यह कोई (केन्द्र सरकार) धर्म के आधार पर तय नही कर सकता कौन घुसपैठिया या आतंकवादी है। मुस्लिम नेताओं ने कहा जेपी नड्डा के लिखे पत्र में भी जिक्र किया गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत नागरिकों को समानता का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार सीएए को धार्मिक आधार पर लागू कर रही है। यह देश को बांटना चाहती है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। कुछ वैसे भी नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है, जो भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के करीबी माने जाते हैं।