हमारा शरीर हर समय एक जैसा नहीं होता। एक उम्र के बाद हमारी दृष्टि, श्रवण शक्ति, हमारा इम्यून सिस्टम यानी कि रोग प्रतिरोधक क्षमता, हमारी पाचन क्षमता वगैरह सबकुछ कमजोर होना शुरू हो जाता है। जैसी हमारी लाइफस्टाइल है, जैसा हमारा खानपान है, वैसे में अधिकतर लोगों में ये लक्षण सामान्यत: 40 साल की उम्र के बाद से ही दिखने लगते हैं। ऐसे में हमें अपना ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है। कहा भी जाता है कि हेल्थ इज वेल्थ यानी कि स्वास्थ्य ही धन है। किसी के पास बहुत ज्यादा पैसे हैं लेकिन शरीर ही स्वस्थ नहीं तो फिर ऐसी जिंदगी का क्या फायदा! स्वस्थ रहने के लिए उम्र के साथ अपनी लाइफस्टाल और खानपान की आदतों में बदलाव करना जरूरी होता है, नहीं तो कई तरह की बीमारियों होने का खतरा बढ़ता जाता है। आइए, जानते हैं कि 40 की उम्र के बाद हमारी लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए:
40 साल से अधिक उम्र होने पर निश्चित रूप से पौष्टिक खाना खाना चाहिए। खाने में फल, हरी सब्जियां, साबूत अनाज और फैट-फ्री डेयरी उत्पाद खाना चाहिए। शरीर के लिए प्रोटीन भी बहुत जरूरी होता है और इसके लिए मछली, अंडे, लीन मीट्स, बीन्स वगैरह खाना चाहिए। चिकित्सक बताते हैं कि मोटापे और दिल की बीमारियों से बचने के लिए खाने में सैचुरेटेड फैट, ट्रांसफैट, कोलेस्ट्रॉल, नमक और शक्कर का सेवन कम से कम किया जाना चाहिए।
40 की उम्र के बाद फिट रहने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। दिल को स्वस्थ रखने, मांसपेशियां मजबूत बनाने और शरीर का बैलेंस बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से डिमेंशिया जैसी बीमारी होने का कम खतरा होता है। डॉक्टर बताते हैं कि हफ्ते में कम से कम चार दिन आधे-आधे घंटे एक्सरसाइज करें। मॉर्निंग वॉक, साइकिल चलाना और तैराकी करना अच्छा रहेगा।
ज्यादा उम्र वाले लोगों को कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने की नसीहत दी जाती है। हर दिन 300 एमजी से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल नहीं लेना चाहिए। दिल की बीमारी हो तो 200 एमजी से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल न लें। अंडे की जर्दी, मलाईदार दूध जैसे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ न लें। नॉनवेज खाने वालों को रेड मीट की जगह सैल्मन या मेकरेल फिश का सेवन करना चाहिए।
40 की उम्र के बाद अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए। अगर आपका वजन बॉडी मास इंडेक्स के अनुसार ज्यादा है तो इसे घटाने का प्रयास करें। इसके लिए खानपान छोड़ने की जरूरत नहीं, बस खाने में कैलोरी की मात्रा कम कर दें। खासकर कार्बोहाइड्रेट वाले प्रोडक्ट जैसे व्हाइट ब्रेड, मैदा के सामान, पिज्जा वगैरह खाने से परहेज करें।