डीयू छात्रसंघ के 6 पूर्व अध्यक्ष इस बार मैदान में हैं, दिलचस्प होगी टक्कर




 

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीनों बड़ी पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति के हिसाब से उम्मीदवार खड़े किए हैं। पार्टियों ने लोकप्रियता, जनता के बीच पकड़, समीकरण जैसे तमाम आधारों पर जिताऊ उम्मीदवार का चयन किया है। इस बार कई क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्षों पर दाव लगाया है। आईए जानते हैं किस पार्टी ने किस डुसु अध्यक्ष को बनाया अपना प्रत्याशी




अलका लांबा


पूर्व आप नेता अलका लांबा को इस बार कांग्रेस ने चांदनी चौक से टिकट दिया है। यहां से अलका दूसरी बार मैदान में उतर रही हैं। अलका साल 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष थीं। उस वक्त अलका की उम्र महज 19 साल थी। उन्होंने बतौर एनएसयूआई प्रत्याशी छात्रसंघ चुनाव जीता था।

उन्होंने 20 साल कांग्रेस में रहने के बाद 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर लिया था। 2015 में आप के टिकट पर अलका चांदनी चौक से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की। इस बार उनके खिलाफ आप के प्रह्लाद सिंह साहनी और भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता हैं। 




रॉकी तुसीद


25 वर्षीय रॉकी तुसीद इस बार कांग्रेस के सबसे युवा प्रत्याशी हैं। उन्होंने 2017-18 में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इस बार कांग्रेस ने उन्हें राजेंद्र नगर से टिकट दिया है। रॉकी के खिलाफ इस बार आम आदमी पार्टी के राधव चड्ढा और भाजपा के आरपी सिंह खड़े हैं।




नीतू वर्मा


नीतू वर्मा मालवीय नगर से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। उन्होंने 1999 से 2002 के बीच तीन बार दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव जीता था। उन्होंने 2002 में छह महीने के लिए अध्यक्ष के साथ ही बतौर पार्षद भी काम किया था। इस बार नीतू के खिलाफ आम आदमी पार्टी से सोमनाथ भारती और भाजपा के शैलेंद्र सिंह मोती खड़े हैं।