एनजीटी ने गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पीईटी-बोतलों पर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पीईटी-बोतलों पर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए। एनजीटी ने यह आदेश 16 साल के याचिकाकर्ता आदित्य दुबे की याचिका पर दिया।


आदित्य ने अपनी याचिका मे कहा था कि वह आईआरसीटीसी, कोका कोला और पेप्सी जैसी कंपनियों द्वारा पीईटी- बोतलों में बेचे जा रहे पेय पदार्थों की बिक्री पर तब तक प्रतिबंध लगा दें जबतक वे अपने उत्पादों द्वारा जनित प्लास्टिक कचरे को एकत्रित करने का काम शुरू नहीं कर देती। मालूम हो कि देशभर में उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे में पीईटी बोतलों हिस्सा 10 फीसदी है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सीपीसीबी को कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए। पीठ ने अपने आदेश में कहा ‘सीपीसीबी अगली सुनवाई से पहले इस मामले में तथ्यात्मक एवं कार्रवाई रिपोर्ट दे ई-मेल के माध्यम से जमा करें’। मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। आदित्य ने इस सिलसिले में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के नियम-9 का भी हवाला दिया है।


यह है पीईटी



पीईटी एक थर्मोप्लास्टिक पॉलिमर है। कंपनियां हर साल 9,49,000 पीईटी बोतलों का उत्पादन कर रही हैं। लेकिन, उन्होंने प्लास्टिक कचरे की उचित, प्रभावी एवं पूर्ण प्रबंधन की व्यवस्था नहीं की है। इससे पर्यावरण में प्लास्टिक प्रदूषण फैल रहा है। नॉन-बायोडिग्रेडेबिलिटी के कारण पर्यावरण को नुकसान होता है।

यह है प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 9


प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के नियम 9 में कहा गया है कि प्रयुक्त बहुस्तरीय प्लास्टिक पाउच या पैकेजिंग को इकट्ठा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों की है, जो बाजार में उत्पादों को उतारते हैं। उन्हें अपने उत्पादों के कारण उत्पन्न प्लास्टिक कचरे को वापस एकत्र करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता है।