जल्द बदलेगी बाबा केदारनाथ धाम की तस्वीर,सुंदर नजारा देखने को मिलेगा











केदारनाथ धाम में कई बदलाव हुए हैं। इससे नई केदारपुरी में भव्यता के साथ ही उसकी दिव्यता भी साफ देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार बार केदारनाथ धाम आने के बाद अब यहां कई काम पूरे हुए है। इससे यहां आने वाले बाबा के भक्तों को आने वाले दिनों में यहां का और भी सुंदर नजारा देखने को मिलेगा।


केदारनाथ धाम में मंदिर के ठीक आगे 39 मीटर चौड़े मंदिर के गोल चबूतरे का निर्माण किया गया है। यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री इकट्टा होकर केदारपुरी का सुंदर नजारा निहार सकते हैं। विशेष रूप से केदारनाथ मंदिर के चबूतरे को भव्य और अद्भुत बनाया गया है। पूर्व में चबूतरे की लम्बाई 18 मीटर थी जो अब बढ़ाकर 39 मीटर कर दी गई है। 21 मीटर नई जगह चबूतरे में शामिल की गई है। जबकि मंदिर के दांयी तरफ 15 और बांई तरफ 9 मीटर चौड़ाई बढ़ाई गई।


बीते वर्ष मंदाकिनी नदी के किनारे यात्रियों की आवाजाही के लिए सिंचाई विभाग ने करीब 390 मीटर लम्बे और 5 मीटर चौड़े आस्था पथ का निर्माण किया। अब सरस्वती नदी किनारे वुड स्टोन कस्ट्रक्शन कंपनी ने करीब 450 मीटर लम्बे और 5 मीटर चौड़े रास्ते का निर्माण कार्य पूरा किया। मुख्य मार्ग पहले ही 52 फीट चौड़ा बनाया गया है। पूरी तरह मास्टर प्लान से हो रहे रास्तों के निर्माण से अब केदारपुरी में आवाजाही काफी बेहतर हो गई है। आपदा से पहले यहां यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही थी। अब केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शनों के साथ ही यात्रियों को यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने का अवसर भी मिल सकेगा। 


श्रद्धालुओं के रुकने की बढ़ी संख्या
केदारनाथ धाम में रात के समय श्रद्धालुओं के रुकने की संख्या में भी इस बार इजाफा हुआ। जीएमवीएन ने जहां तीन हजार के करीब बेड का इंतजाम किया। वहीं प्रशासन व प्राइवेट इंतजाम भी तीन हजार बेड के करीब का रहा। ऐसे में कुल मिला कर छह हजार बेड संख्या का इंतजाम केदारनाथ धाम में इस बार रहा। रात में छह हजार बेड का इंतजाम होने के कारण भी इस बार श्रद्धालुओं की संख्या इस बार बढ़ी।
40 हजार से दस लाख पहुंची श्रद्धालुओं की संख्या
देहरादून। श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा दस लाख के रिकॉर्ड को भी पार कर गया है। जबकि 2013 की आपदा के बाद 2014 में ये आंकड़ा महज 40 हजार श्रद्धालुओं पर पहुंच गया था। चार साल बाद जाकर ये आंकड़ा रिकॉर्ड 2019 में दस लाख की संख्या को पार कर गया है। श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में जरूर 2018 में आंकड़ा 7.31 लाख पहुंचा। जबकि 2014 के बाद 2015 में श्रद्धालुओं की संख्या डेढ़ लाख, 2016 में तीन लाख और 2017 में पौने पांच लाख पहुंची। इन बीच के सालों में केदारनाथ धाम में हुए बेहतर इंतजाम के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ। उनके रात के रुकने के इंतजाम से लेकर हेली सर्विस, पैदल ट्रैक कर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा होता चला गया। श्रद्धालुओं की इस बढ़ी हुई संख्या के पीछे सरकार का केदारनाथ धाम के विकास पर विशेष फोकस करना भी रहा। राज्य सरकार की ओर से लगातार केदारपुरी के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विकास कार्यों का जायला ले रहे हैं। यही वजह है, जो मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर कई बार केदारपुरी का दौरा कर चुके हैं। हाल ही में पिछले दिनों केंद्रीय पर्यटन सचिव तक केदारपुरी पहुंचे।


 केदारनाथ धाम तक पहुंचने की ये हैं वैकल्पिक सड़कें
केदारनाथ धाम को रास्तों के जाल से जोड़ा गया है। मंदाकिनी और सरस्वती नदी किनारे मास्टर प्लान से बनकर तैयार हुए दो बड़े रास्तों से अब केदारपुरी में आवाजाही भी आसान हो गई है। केदारनाथ धाम अब चारों ओर से सुरक्षित हो गया है। एक ओर मंदिर के ऊपरी तरफ वर्ष 2016 में थ्री टियर प्रोटेक्शन वॉल बनाकर केदारपुरी को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया वहीं अब मंदाकिनी और सरस्वती नदी के किनारे मास्टर प्लान से सुंदर, सुरक्षित और मजबूत रास्ते बनकर तैयार हो गए हैं। केदारपुरी में विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर को रास्तों के जाल से जोड़ दिया गया है।



केदारनाथ धाम पहुंचने के रास्ते
सड़क मार्ग — ऋषिकेश से गुप्तकाशी  185 किमी
गुप्तकाशी से गौरीकुंड 42 किमी
पैदल मार्ग —गौरीकुंड से केदारनाथ  16.5 किमी(घोड़ा, खच्चर व पालकी की भी इंतजाम)
हेली सेवा  — देहरादून, गुप्तकाशी, फाटा से केदारनाथ


ये रही श्रद्धालुओं की संख्या
केदारनाथ धाम में 2012 में 5.73 लाख , 2013 में 3.33 लाख, 2014 में 00.40  लाख 2015 में 1.54 लाख, 2016 में 3.09 लाख, 2017 में 4.71 लाख, 2018 में 7.31, 2019 में 10.00 लाख श्रद्धालु पहुंचे।


केदारनाथ पुनर्निर्माण पर अब तक 400 करोड़ खर्च



  • शंकराचार्य समाधि का प्रथम चरण का निर्माण

  • भीमबली में पैदल पुल का निर्माण

  • मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य

  • भीमबली से केदारनाथ तक आठ किमी पैदल मार्ग का निर्माण

  • केदारनाथ धाम में दो पुलों का निर्माण

  • आपदा से केदारनाथ धाम में आए करोड़ों टन मलबे का निस्तारण

  • तीर्थपुरोहितों के लिए घरों का निर्माण

  • केदारनाथ में यात्रियो के रहने के लिए 25 काटेज का निर्माण

  • केदारनाथ में हाट बाजार के तहत बनाई गई 50 दुकाने

  • सोनप्रयाग में सरस्वती नदी पर विदेशी तकनीक से लगभग 36 करोड़ का एक्को ब्रिज

  • सोनप्रयाग में बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण

  • लिनचोली में यात्रियों के रहने के लिए काटेजों का निर्माण

  • केदारनाथ धाम की सुरक्षा के लिए तीन लियर वाली सुरक्षा दीवार का निर्माण

  • धाम में सरस्वती नदी पर घाट का निर्माण

  • मंदाकिनी नदी पर घाट का निर्माण

  • संगम से केदारनाथ मंदिर तक आस्था पथ का निर्माण

  • केदारनाथ से गरुडचट्टी तक पैदल रास्ते का निर्माण

  • केदारनाथ में एमआई-26 हेलीकाप्टर के लिए हेलीपैड व मंदिर के पीछे वीवीआईपी हेलीपैड का निर्माण

  • केदारनाथ पैदल मार्ग पर आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भीमबली, लिनचोली व जंगलचट्टी में हेलीपैड का निर्माण


पांच मुख्य कार्य



  • केदारनाथ धाम की सुरक्षा को तृस्तरीय दीवार का निर्माण

  • शंकराचार्य समाधि का प्रथम चरण का निर्माण

  • सरस्वती व मंदाकिनी के संगम से केदारनाथ मंदिर तक 400 मीटर लंबे आस्था पथ का निर्माण

  • तीर्थपुरोहितों के लिए घरों का निर्माण

  • केदारनाथ मंदिर परिसर व मंदिर के सामने वाले पैदल मार्ग का चौड़ीकरण, चबूतरे का निर्माण

  • केदारनाथ में हाट बाजार के तहत बनाई गई 50 दुकाने

  • धाम में मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य

  • सरस्वती व मंदाकिनी नदी पर घाट का निर्माण

  • केदारनाथ से गरुडचट्टी तक 3 किमी पैदल रास्ते का निर्माण

  • जनपद समेत प्रदेश के 200 से अधिक महिला समूहों को प्रसाद योजना के तहत रोजगार मुहैया

  • पहाड़ी शैली से केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्य

  • ’केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थानीय युवाओं को दुकाने आवंटित कर रोजगार से जोड़ा गया