लखनऊ में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग क्लीनिक की शुरुआत


शहीद पथ स्थित मातृ शिशु रेफरल अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग क्लीनिक की शुरुआत गई। यहां मरीजों को कैंसर संबंधी जानकारी दी जाएगी। जांच की जरूरत होगी तो तत्काल रेफर किया जाएगा। संस्थान में सिर्फ पांच रुपये में यह जांच होगी। उद्घाटन के बाद लगे जांच शिविर में करीब 200 महिलाओं की निशुल्क स्क्रीनिंग की गई।


वुमेंस एचपीवी स्क्रीनिंग फॉर सर्वाइकल कैंसर एंड अवेयरनेस कैंप’ के उद्घाटन समारोह में लोहिया संस्थान की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशोधरा प्रदीप ने बताया कि देश में हर साल करीब 96 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आती हैं। इसमें 68 हजार की मौत हो जाती है। थोड़ी सी सजगता से इनकी जान बचाई जा सकती है। इसके लिए पेपस्मीयर और एचपीटी टेस्ट कराने की जरूरत होती है।

20 से 25 साल की उम्र में वैक्सीन से इलाज संभव
प्रो. नुजहत हुसैन ने बताया कि 20 से 25 वर्ष की उम्र में बीमारी का पता चल जाए तो वैक्सीन के जरिये इसे खत्म किया जा सकता है। यह असावधानीपूर्वक शारीरिक संबंध बनाने से भी होता है। इस दौरान परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. बद्री विशाल, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. अमरेश बहादुर सिंह, डॉ. राजन भटनागर, डॉ. अनुराग गुप्ता, डॉ. नीतू सिंह मौजूद रहे।


जानिए, क्या है सर्वाइकल कैंसर



यह यूट्रस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होती है, उसे प्रभावित करता है। वहां कैंसर होने लगता है। सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। यह संक्रमण यौन संपर्क या त्वचा संपर्क से फैलता है।

लक्षण : योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या योनि संपर्क के बाद रक्तस्राव होना। मासिक धर्म होने के कुछ दिन बाद फिर से रक्तस्राव होना। लगना शामिल हैं।

इलाज : सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण भी होता है। गर्भाशय व ग्रीवा में संक्रमण के तत्काल बाद इलाज शुरू हो जाए तो कैंसर बनने से रोका जा सकता है। कैंसर की पुष्टि होने पर सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी या तीनों को मिलाकर भी इलाज की जरूरत पड़ती है।