ममता ने किया बहिष्कार ,केरल समेत सभी राज्य शामिल :एनपीआर पर बैठक शुरू


गृह मंत्रालय ने जनगणना 2021 और एनपीआर तैयार करने के तौर-तरीके निर्धारित करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में बुलाई गई बैठक जारी है। केरल समेत सभी राज्य इस बैठक में शामिल है, केवल पश्चिम बंगाल की तरफ से कोई बैठक में शामिल नहीं हुआ है।


इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय कर रहे हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, मुख्य सचिव व जनगणना निदेशक भी बैठक में मौजूद है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में जनगणना व एनपीआर के तहत शुरू होने वाले मकान सूचीकरण के चरण पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। यह चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक चलेगा।

बर्खास्त करके दिखाएं सरकार : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की ओर से एनपीआर आज बुलाई गई बैठक में भागीदारी से पहले ही इनकार कर दिया था। साथ ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ को चुनौती दी कि केंद्र की लाइन पर नहीं चलने पर प्रदेश सरकार बर्खास्त करके दिखाएं। राज्य सरकार एनपीआर प्रक्रिया को प्रदेश में पिछले महीने ही रोक चुकी है। उन्होंने फिर दोहराया कि वे पश्चिम बंगाल में सीएए, एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।

ममता सांविधानिक कर्तव्य समझें : नकवी
इस पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ममता बनर्जी पर अपने वक्तव्य से हमला करते हुए कहा कि उन्हें अपना सांविधानिक कर्तव्य समझना चाहिए। वे एक प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं, पूरे देश की नहीं। 



एनपीआर से नागरिकों के विस्तृत डाटा बेस की तैयारी



एनपीआर पर बैठक के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि इसके जरिए देश के नागरिकों का एक विस्तृत डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इसमें जन सांख्यिकी और बायोमीट्रिक दोनों तरह के आंकड़े जमा होंगे। अधिकतर राज्यों ने एनपीआर के प्रावधानों पर नोटिफिकेशन जारी किया है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 3941.35 करोड़ ऱपये का बजट स्वीकृत किया है। 

जानकारियों के दस्तावेज नहीं जांचे जाएंगे
सूत्रों के अनुसार लोगों से ली जा रही जानकारियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच नहीं की जाएगी। लेकिन आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस होने पर इनकी जानकारी ली जाएगी। एनपीआर व जनगणना में क्षेत्रीय शिक्षकों को लगाया जाएगा, जिन्हें अधिकतम 25 हजार रुपये का भुगतान होगा।



एनपीआर से नागरिकों के विस्तृत डाटा बेस की तैयारी



एनपीआर पर बैठक के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि इसके जरिए देश के नागरिकों का एक विस्तृत डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इसमें जन सांख्यिकी और बायोमीट्रिक दोनों तरह के आंकड़े जमा होंगे। अधिकतर राज्यों ने एनपीआर के प्रावधानों पर नोटिफिकेशन जारी किया है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 3941.35 करोड़ ऱपये का बजट स्वीकृत किया है। 

जानकारियों के दस्तावेज नहीं जांचे जाएंगे
सूत्रों के अनुसार लोगों से ली जा रही जानकारियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच नहीं की जाएगी। लेकिन आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस होने पर इनकी जानकारी ली जाएगी। एनपीआर व जनगणना में क्षेत्रीय शिक्षकों को लगाया जाएगा, जिन्हें अधिकतम 25 हजार रुपये का भुगतान होगा।




मकान सूचीकरण : 31 प्रकार की जानकारियां ली जाएंगी



केंद्र सरकार मकान सूचीकरण के जरिए देशवासियों से जुड़ी 31 प्रकार की जानकारियां जमा करेगी। इसके लिए सभी जनगणना अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों के घरों पर जाकर सवाल पूछें और जानकारियां दर्ज करें। इनमें मकान नंबर, जनगणना मकान नंबर, मकान के फर्श, दीवार और छत में उपयोग सामग्री, मकान के उपयोग और हालत की जानकारी ली जाएगी। परिवार क्रमांक, सदस्यों की संख्या, मुखिया का नाम व लिंग, आरक्षित वर्ग की जानकारी, मकान के मालिकाना हक की जानकारी, कमरों की संख्या, परिवार में विवाहित दंपति की संख्या, पेयजल स्रोत, पेयजल उपलब्धता, प्रकाश का स्रोत, शौचालय की सुलभता, शौचालय का प्रकार, गंदे पानी की निकासी, बाथरूम की उपलब्धता, एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन जैसी जानकारियां भी ली जाएंगी। घर में खाना पकाने में उपयोग हो रहे ईंधन, रेडियो/ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, इंटरनेट सुविधा, लैपटॉप/कंप्यूटर, टेलीफोन/मोबाइल फोन/स्मार्ट फोन, साइकिल/स्कूटर/मोटरसाइकिल/मोपेड, कार/जीप/वैन और परिवार द्वारा उपयोग हो रहा मुख्य अनाज व मोबाइल फोन नंबर भी दर्ज होंगे।