शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन पर सियासत तेज


दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन पर सियासत तेज हो गई है। बृहस्पतिवार को शाहीन बाग के मसले पर नेताओं की बयानबाजी पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना हैं कि जिसे अपनी गंदी राजनीति करनी है वह करेगा, इससे उनके विरोध प्रदर्शन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि आंदोलन और मजबूत होगा। 


वोट के लिए कुछ नेता हमारी गंगा-जमुनी तहजीब में दरार डालने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा, लोग अब समझदार हो गए हैं। महिलाओं का कहना है कि जिसे लगता हो कि सीएए और एनआरसी का विरोध सिर्फ एक धर्म विशेष के लोग कर रहे हैं तो वे एक बार शाहीन बाग आकर जरूर देखें। यहां आकर उन लोगों को सच्चाई का पता चल जाएगा। 

पहले दिन से प्रदर्शन में हिस्सा ले रही शाहीन कौसर ने कहा कि कि शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान बताकर लोग नफरत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोग रोजगार, शिक्षा, बिगड़ती अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार की बातें क्यों नहीं करते? शाहीन ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में सभी धर्म के लोग हिस्सा ले रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि शाहीन बाग के प्रदर्शन को कभी भी राजनीतिक आंदोलन नहीं बनने दिया गया। यहां लोग सिर्फ संविधान और लोकतंत्र को बचाने की बात कर रहे हैं। जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। मुस्लीहुद्दीन फलाही ने बताया कि सरकार जानबूझकर प्रदर्शन के नाम पर देशभर में चल रहे आंदोलनों को मुद्दा बनवा रही है। 

मोहम्मद असलम ने बताया कि कुछ लोग शाहीन बाग के आंदोलन से लोगों को हो रही परेशानी का ढोंग भी कर रहे हैं, जबकि पहले दिन से एंबुलेंस को निकलने का रास्ता दिया जा रहा। बाद में स्कूली बसों और वैन को भी सड़क से निकाला रहा है।