100 गवाहों के बयान और शरजील का कबूलनामा


नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में राजधानी में 10 उपद्रव हुए थे। इसके तहत अब तक जेएनयू स्टूडेंट शरजील इमाम समेत 103 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में जामिया और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में 15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है। इनमें 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं। पुलिस का दावा है कि जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने 13 दिसंबर को कथित भड़काऊ भाषण देने और अपने साथियों के साथ 15 दिसंबर के प्रदर्शन में शामिल होना कबूला है। इसलिए उसे भी आरोपी बनाया जा रहा है।



टॉप कॉमेंट

देश द्रोही शरजिल के खिलाप सभी सबूत मिलने पर ओर साबित होने पर क्या इसके क्या शरजिल केओ क्या सजा मिलेगी ओर कितनी मिलेगी भारतीय कानून के जानकर जरूर बता सकते है की एक देशद्रोही केखिलाप...+

Sant Prakash




साकेत कोर्ट में 13 फरवरी को दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके लिए इलाके के कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इनमें आरोपियों को हिंसा और आगजनी करते हुए पाया गया। स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की तरफ से दाखिल चार्जशीट में एसआई मिंटू सिंह ने बताया है कि जामिया इलाके में 6 बसों समेत 12 गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। एनएफसी इलाके में 29 गाड़ियां इस हिंसा का शिकार बनीं, जिनमें 10 बसें शामिल थीं।

किसी को नहीं लगी थी गोली
पुलिस ने इलाज के दौरान गोली लगने की बात करने वाले राहगीरों के बयान का भी जिक्र किया है। एसएफएल की रिपोर्ट और एमएलसी के बाद सामने आया है कि गोली लगने का दावा गलत था। मथुरा रोड पर जरूर .32 बोर का एक खाली कारतूस पाया गया था। चार्जशीट में बताया गया है कि 8 न्यूज चैनलों और हिंसा से प्रभावित इलाकों से सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए गए। इनकी जांच करने के बाद 17 आरोपियों की पहचान की गई। इन्होंने पूछताछ के दौरान हिंसा और आगजनी में शामिल होने की बात कबूली है। सीसीटीवी फुटेज में भी सभी आरोपी साफ नजर आ रहे हैं।

नेताओं के खिलाफ जांच जारी
चार्जशीट में एसआईटी ने बताया है कि पूर्व विधायक मोहम्मद आसिफ खान, स्थानीय नेता आशू खान, मुस्तफा हैदर, आइसा के जामिया सेक्रेटरी चंदन कुमार, आसिफ तनहा और जामिया में सीवीईएसएस के कासिम उस्मानी का नाम एफआईआर में है। इन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। मौजूदा मुकदमे में इनकी भूमिका की तय की जा रही है, जिसके बाद ही कोई जरूरी ऐक्शन लिया जाएगा। एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि इनसे एक बार पूछताछ हो चुकी है और इनका बयान लिख लिया गया है। इनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लोकेशन खंगाले जा रहे हैं। इनके खिलाफ सबूत जुटाने के बाद बाद में सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।

पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), धारा 147 (दंगा भड़काना), धारा 186 (सरकारी कर्मचारियों को काम करने से रोकना), 353 (मारपीट) और धारा 427 के तहत आरोप तय किए हैं। चार्जशीट में हिंसा के दिन के सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और 100 से ज्यादा गवाहों के बयान हैं। हिंसा के दौरान 3.2 बोर की पिस्टल की गोली का खाली खोखा मिलने की जानकारी दी।

शरजील ने भीड़ को उकसाया
शरजील ने 13 दिसंबर को जामिया में और 16 जनवरी को एएमयू में कथित भड़काऊ भाषण दिया था। इसके आरोप में उस पर दिल्ली समेत पांच राज्यों में राजद्रोह समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उसे बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार करके लाई थी। जांच के दौरान एसआईटी को आपत्तिजनक चीजें मिली थीं। पूछताछ में शरजील ने कबूल किया है कि उसने भड़काऊ भाषण दिया था और वह हिंसा वाले दिन अपने साथियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुआ था। चार्जशीट में हिंसा वाले दिन शरजील के मोबाइल फोन की लोकेशन एनएफसी की मिली है। अभी जांच जारी है और आगे जरूरत पड़ने पर सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।