20 आतंकी संगठनों से है खतरा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भी कर सकती है गड़बड़ी


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 20 आतंकी संगठनों से खतरा है। इनमें प्रमुख रूप से अलकायदा, इस्लामिक स्टेट (आईएस) हिज्ब उल मुजाहिदीन अल इस्लामी (हूजी), लश्कर ए तोइबा, जैश ए मौहम्मद, हमास, इंडियन मुजाहिदीन शामल हैं।


जैश ने ट्रंप के दौरे की खबर आते ही धमकी भी दी थी। इनके अलावा इरान और अमेरिका के बीच चल रहे गतिरोध के कारण आशंका है कि ईरानी नागरिक विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी खलल डाल सकती है। इन सबका जिक्र सुरक्षा के लिए बने ब्लू प्रिंट में किया गया है। इसी को ध्यान में रखकर फोर्स तैनात की गई है। 

आतंकी संगठनों से यह खतरा भारतीय खुफिया एजेंसियों के साथ अमेरिकी के खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंटों ने भी जताया है। ईरान के नागरिकों से अलर्ट रहने की ताकीद की गई है। अमेरिका के हमले में इरान के कमांडर सुलेमानी कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।

इससे ईरान सरकार और वहां के नागरिक गुस्से में है। वह ट्रंप के आगरा दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके मद्देनजर पुलिस ने होटलों से खास तौर से ईरानी नागरिकों के ठहरने की जानकारी ली। नक्सलियों और उल्फा से भी खतरा बताया गया है।



वेष और नाम बदलकर रहते हैं आतंकी 



अलर्ट में बताया गया है कि आतंकी नाम बदलकर कमरा लेते हैं। वेष भी बदल लेते हैं। इससे पहचान पाना आसान नहीं होता है। ये अपने बजाय दूसरे धर्मों के नाम रखते हैं।

मध्य प्रदेश की खांडवा जेल से फरार हुए आतंकियों में से एक अबू फैजल ने पूछताछ में पकड़े जाने के बाद बताया था कि उसके संगठन का मकसद अमेरिकी दूतावास के अफसरों या अमेरिका के राष्ट्रिकों का अपहरण कर अमेरिका की जेल में बंद अलकायदा की आफिया सिद्दीकी को छुड़ाना है।  

सिमी से भी खतरा, अलीगढ़ के 50 लोग रडार पर 


आगरा जोन में सबसे बड़ा खतरा इस्लामिक मूवमेंट इन इंडिया (सिमी) के सदस्यों से बताया गया है। अलीगढ़ सिमी का गढ़ रहा है। वहां के 50 लोग रडार पर है। ये कभी न कभी किसी न किसी रूप से सिमी से जुड़े रहे हैं।