2000 रु. के नोट अब एटीएम से निकलना बंद,आरबीआई ने कहा कि 2000 रु. के नोट वैधता में बने रहेंगे


नोटबंदी के बाद अस्तित्व में आए 2000 रु. के नोट अब एटीएम से निकलना बंद हो रहे हैं। कई बैंकों ने अपने एटीएम में 2000 के नोट वाली ट्रे हटा ली है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि 2000 रु. के नोट वैधता में बने रहेंगे। हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से इस बारे में कोई निर्देश नहीं है। बैंकों ने खुद ही अपने एटीएम में छोटे नोट डालना शुरू कर दिया है, जिससे ग्राहकों को सुविधा हो। सूत्रों की माने तो आरबीआई की तरफ से ही बैंकों से 2000 के नोट वापस बुलाए जा रहे हैं। नोटबंदी के समय तत्काल में मुद्रा की आपूर्ति जरूरी थी, इसलिए 2000 के नोट व्यापक पैमान पर छापे गए। अब बाजार में 500 के नोट पर्याप्त मात्रा में चलन में है, इसलिए धीरे-धीरे 2000 के नोट बाजार से कम किए जा रहे हैं।


आरबीआई ने 2000 के नोट की छपाई की बंद
आरबीआई ने पिछले साल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा था कि केंद्रीय बैंक ने 2,000 के नोट की छपाई बंद कर दी है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 में एक भी 2,000 रुपए का नोट नहीं छापा है।


लगातार कम हुई 2000 के नोटों की छपाई
आरबीआई ने आरटीआई का जवाब देते हुए कहा कि 2016-17 के वित्त वर्ष के दौरान 2,000 रुपए के 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए थे। अगले साल यह 111.507 मिलियन नोट तक कम हो गया। 2018-19 में बैंक ने 46.690 मिलियन नोट छापे।


3 साल में 50 करोड़ से अधिक नकली नोट जब्त
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि भारत में बिल्कुल असली नोट की तरह जाली नोट फिर से आ गए हैं। सरकार ने जून में कहा था कि पिछले तीन वर्षों में 50 करोड़ रुपए से अधिक नकली नोटों को जब्त किए गए हैं। जिनमें से ज्यादातर 500 और 2000 रुपय के नोट थे।


इंडियन बैंक के एटीएम से 1 मार्च से नहीं निकलेंगे 2 हजार के नोट
इंडियन बैंक के एटीएम से एक मार्च से 2000 रु. के नोट नहीं मिलेंगे। इंडियन बैंक के मुताबिक उसके एटीएम में 2000 के नोट रखने वाले कैसेट्स को डिसएबल कर दिया जाएगा। बैंक ने कहा कि ग्राहकों को 2000 रु. के नोट रिटेल आउटलेट्स व अन्य जगहों पर एक्सचेंज कराने में परेशानी होती है। बैंक के अनुसार जिन ग्राहकों को 2000 रुपए का नोट चाहिए, वे शाखाओं में जाकर इनकी निकासी कर सकते हैं। बैंक अब 2000 के नोट के बदले एटीएम में 200 के नोट डालेगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने छोटे शहरों और कस्बों में मौजूद एटीएम में से 2000 रुपए के नोट रखने के स्लॉट (कैसेट) हटाए जा रहे हैं। इसकी जगह बैंक 100 रुपए, 200 रुपए और 500 रुपए के स्लॉट बढ़ा रहे हैं।


1935 तक बैंक छापते थे नोट
पेपर करंसी छापने की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई। सबसे पहले बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास जैसे बैंकों ने पेपर करंसी एक्ट 1861 के बाद करंसी छापने का पूरा अधिकार भारत सरकार को दे दिया गया। 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना के बाद यह काम उसे सौंप दिया गया।