अपने हाथों के हुनर से 90 साल की उम्र में बनाई अपनी पहचान


सपने पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती है। ये बात साबित की है असम की रहने वाली लतिका चक्रवर्ती ने। जिन्होंने दो साल पहले बिजनेस शुरू किया था और आज वो हर जगह चर्चा में रहती हैं। लतिका 90 साल की हैं और इस उम्र में भी उनके जोश में कोई कमी नहीं दिखती है। तो चलिए जानें उनके इस सफर के बारे में। 

असम की रहने वाली लतिका चक्रवर्ती ने अपने हाथों के हुनर के दम पर दो साल पहले बिजनेस शुरू किया था। लतिका पोटली बैग बनाकर ऑनलाइन बेचती है। इंटरनेट पर उनकी अलग वेबसाइट है जिस पर उनके बनाए पोटली बैग मिलते हैं। इन बैग के खरीदार भारत के साथ ही अन्य देशों के भी होते हैं।


जिंदगी के इस पड़ाव पर पहुंचकर भी वो पूरी तरह से सक्रिय जीवन जीती हैं। लतिका का जन्म असम के धुबरी जिले में हुआ था। उन्होंने इसी शहर से अपनी पढ़ाई पूरी की। कम उम्र में ही लतिका की शादी कर दी गई। उनके पति कृष्ण लाल चक्रवर्ती सर्वे ऑफ इंडिया में अधिकारी थे। इस नौकरी में उन्हें कई सारे राज्यों में जाना पड़ता था। इसी बहाने लतिका भी कई जगहों पर हो आती थीं। बहुत ज्यादा सफर करने की वजह से लतिका ने कई जगहों के कपड़ों को एक्सप्लोर किया और शौकिया तौर पर सिलाई की शुरुआत की। 

वह बताती हैं कि सिलाई से उन्हें काफी सुकून मिलता था और वह अपने बच्चों के कपड़े खुद सिलती थीं। वह बच्चों के लिए गुड़िया भी तैयार कर देती थीं। लेकिन बदलते वक्त के साथ बच्चे बड़े होते गए और उनका सिलाई का शौक थम सा गया। इसी बीच उनके पति कृष्ण उनका साथ छोड़ गए और लतिका अकेली हो गईं। वह अपने बेटे के साथ रहने लगीं जो कि इंडियन नेवी में कैप्टन थे। जब बेटा ड्यूटी पर होता था तो लतिका घर पर अकेली होतीं।

उन्होंने सोचा कि क्यों न फिर से सिलाई शुरू की जाए। दो साल पहले ही लतिका ने छोटे-छोटे पोटली बैग बनाने शुरू किए। इस छोटे बैग की खासियत ये होती कि इन्हें पुराने कपड़ों जैसे साड़ियां, कुर्तों से बनाया जाता है। ये बैग जरूरत में तो काम आते ही हैं साथ ही इसे एथनिक कपड़ों के साथ एक्सेसरीज के साथ भी रखा जा सकता है। पहले लतिका ऐसे बैग्स बनाकर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को देती थीं। लतिका की ऑनलाइन साइट उनके पोते जॉय चक्रवर्ती का आइडिया था जिसने अपनी दादी के हाथों की कलात्मकता को और भी लोगों तक पहुंचाने के बारे में सोचा। जॉय फिलहाल जर्मनी में रहते हैं, लेकिन अपने पैरेंट्स के पास अक्सर भारत आते रहते हैं। लतिका अपनी प्रेरणा और काम के पीछे की लगन के बारे में बात करते हुए कहती हैं, 'मैंने अपना जीवन काफी अनुशासित तरीके से जिया है। इससे मुझे काफी सुकून मिलता है।' वह कहती हैं कि उन्हें जल्दी सो जाना और जल्दी उठना पसंद है। शायद यही उनके स्वस्थ्य रहने का राज भी है।