बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम की बेटी को पुलिस ले सकती है गोद


उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद करथिया गांव में बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम की बेटी की जिम्मेदारी संभालने का मामला सुर्खियों में है. कानपुर जोन के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर मारे गए बदमाश की बच्ची को उसके रिश्तेदार रखने से इनकार कर देते हैं तो पुलिस उसकी परवरिश करेगी.


बेसहारा बच्ची को लेने से मृतक आरोपी के परिजनों ने इनकार कर दिया है. यही नहीं, सुभाष और उसकी पत्नी रूबी की मौत के बाद उसकी बच्ची की उसके परिवार के किसी व्यक्ति ने सुध नहीं ली है. कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना में अनाथ हुई बच्ची की देखभाल पुलिस द्वारा की जा रही है.


उन्होंने कहा, फिलहाल बच्ची की देखभाल की जिम्मेदारी फर्रुखाबाद में ही किसी महिला पुलिसकर्मी को दी गई है. अगर कोई बाहरी व्यक्ति बच्ची को गोद लेने के लिए आवेदन करेगा तो उस पर भी प्रशासनिक स्तर से विचार किया जाएगा.


न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबित आईजी अग्रवाल ने बताया कि बच्ची की शिक्षा-दीक्षा और अन्य खर्चे पुलिस वाले ही निर्वहन करेंगे. उन्होंने कहा, 'मेरी इच्छा है कि वह बड़ी होकर आईपीएस अधिकारी बने. अभी उसकी देखभाल वहीं की महिला पुलिस सिपाही द्वारा की जा रही है.'



गौरतलब है कि बच्ची के पिता सुभाष बाथम ने मोहम्मदाबाद के कथरिया गांव में 23 बच्चों को बंधक बना लिया था. पुलिस ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बदमाश को ढेर कर सभी बच्चों को छुड़ाया था. सुभाष की पत्नी रूबी की भी मौत हो गई है.