BCCI के पूर्व उपाध्यक्ष हैं मृगेश, 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला


बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष मृगेश जयकृष्ण को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आयोजित हो रहे 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम का न्योता नहीं मिला। मृगेश ही वह शख्सियत हैं जिन्होंने साल 1983 में महज आठ महीनों के अंदर मोटेरा स्टेडियम को बनाकर तैयार किया था। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी रैली में हिस्सा लेने सोमवार को अहमदाबाद आ रहे हैं। कार्यक्रम में उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे।



हालांकि इतने बड़े कार्यक्रम से उसी शख्स को दूर रखा गया है, जिसने आज से 37 साल पहले बंजर जमीन पर मोटेरा स्टेडियम को खड़ा किया था। अहमदाबाद मिरर से बातचीत में मृगेश ने कहा, 'मुझे सोमवार को मोटेरा स्टेडियम में आयोजित हो रहे नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है।' जयकृष्ण बीसीसीआई के उपाध्यक्ष के अलावा गुजरात क्रिकेट असोसिएशन के भी उपाध्यक्ष रहे हैं।

फ्री पास से तंग आकर रखा वर्ल्ड क्लास स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव

अहमदाबाद के इस स्टेडियम में वर्तमान में 1.10 लाख दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा खेल स्टेडियम बनाता है। 37 साल पहले यह सिर्फ 63 एकड़ में फैला ऊबड़-खाबड़ जमीन का टुकड़ा हुआ करता था। 76 वर्षीय मृगेश ने कहा, 'पहले इस स्टेडियम को अमहदाबाद नगर निगम और जीसीए कंट्रोल करते थे और इसे किराए पर देते थे। बदले में हमें अधिकारियों को फ्री में पास देने होते थे। इससे तंग आकर मैंने एक नए स्टेडियम के निर्माण का प्रस्ताव रखा था।'



8 महीने, 13 दिन में बनकर तैयार हो गया स्टेडियम

मृगेश तत्कालीन मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी के पास जमीन आवंटन का प्रस्ताव लेकर पहुंचे। सीएम सोलंकी ने प्रस्ताव देखा और मोटेरा में स्टेडियम के लिए जमीन आवंटित कर दी। उन्होंने बताया, 'मुख्यमंत्री हमारे स्टेडियम बनाने के फैसले के साथ डटे रहे, जबकि विपक्ष इसके खिलाफ था।' तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने स्टेडियम का भूमि पूजन किया और महज आठ महीने 13 दिनों के अंदर स्टेडियम बनकर तैयार हो गया।


मोटेरा स्टेडियम ने देखे कई ऐतिहासिक पल
स्टेडियम के बनने के बाद से इसने कई ऐतिहासिक पल देखे हैं। यहीं पर सुनील गावस्कर 10 हजार रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने, कपिल देव ने यहीं अपना 432वां टेस्ट विकेट लिया, सचिन तेंडुलकर ने अपने क्रिकेट करियर के 20 वर्ष और 30 हजार अंतरराष्ट्रीय रन यहीं पूरे किए। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2009 में जीसीए का प्रेसिडेंट बनने के बाद मृगेश से क्रिकेट की बारीकियों को जाना।

'मोटेरा में मेरे होने या न होने से फर्क नहीं पड़ता'
सोमवार को आयोजित हो रहे नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में मृगेश को ही नहीं आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं बुलाया गया है, मगर मोटेरा को दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनते देख मेरे मन में किसी और से 99.9 फीसदी ज्यादा खुशी है। मोटेरा में जब इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा हो, तो मेरे वहां उपस्थित होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।'