बेजोस ने नारायणमूर्ति से हाथ मिलाया, स्विगी-जोमैटो को कड़ी चुनौती



 


देश में ऑनलाइन फूड डिलिवरी बाजार सस्ता हो सकता है। वजह- दुनिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के जेफ बेजोस और इन्फोसिस के एनआर नारायणमूर्ति अगले महीने संयुक्त रूप से ऑनलाइन फूड डिलिवरी बाजार में उतरने जा रहे हैं। अमेजन प्राइम या अमेजन फ्रेश प्लेटफॉर्म के जरिए लॉन्च की जाने वाली इस योजना पर पिछले तीन महीने से काम चल रहा है। फिलहाल, बेंगलुरु में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर टेस्टिंग की जा रही है। अमेजन का मुकाबला स्विगी और जोमैटो से होगा। अभी बाजार में यही दो बड़ी कंपनियां हैं। उबर ने फूड डिलीवरी बिजनेस से अपने हाथ खींचकर पिछले महीने अपना कारोबार जोमैटो को बेच दिया था। इसके बाद जोमैटो का मार्केट शेयर 55% हो गया है। रेवेन्यू के हिसाब से स्विगी का मार्केट शेयर 60% के करीब है। 


स्विगी और जोमैटो ने घटाए डिस्काउंट


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन ऐसे वक्त फूड डिलीवरी बिजनेस में उतर रहा है, जब स्विगी और जोमैटो ने ग्राहकों के लिए डिस्काउंट घटा दिए हैं। इसलिए आक्रामक मार्केटिंग के साथ अमेजन इस बिजनेस में उतरने जा रही है। बेंगलुरू के कुछ रेस्टाॅरेंट संचालकों का कहना है कि प्रीवन बिजनेस सर्विस अमेजन पर लिस्ट कराने के लिए ब्रांड्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर रही हैं। वह 10 से 15% का कमीशन ऑफर कर रही हैं। हालांकि, इसमें बदलाव की गुंजाइश रखी गई है। प्रीवन बिजनेस सर्विस इन्फोसिस के नारायणमूर्ति के कैटमरन वेंचर और अमेजन इंडिया का संयुक्त उद्यम है।


इधर, बेंगलुरु के एक रेस्टॉरेंट चेन के मालिक का कहना है कि ऑनलाइन ऑर्डर लेकर ग्राहकों को सर्विस देने वाली कंपनियां पहले कमीशन नहीं लेतीं। फिर कमीशन बढ़ाते जाते हैं। इससे रेस्टॉरेंट को मुनाफा नहीं होता। कमीशन कम करने की बात पर रेटिंग घटाने की धमकी भी दी जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, इसकी उम्मीद की जा सकती है। अमेजन मजबूत नेटवर्क से ऑनलाइन फूड मार्केट में आक्रामक ऑफर्स के साथ विस्तार देना चाहती है। 


देश में ऑनलाइन फूड मार्केट 25 से 30% की रफ्तार के साथ बढ़ रहा
गूगल और बॉस्टन कंस्लटिंग ग्रुप की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑनलाइन फूड मार्केट 25 से 30% की तेजी से बढ़ रहा है। भारत में फूड डिलिवरी मार्केट का रेवेन्यू पिछले साल 55 हजार करोड़ रु. था। 2020 में इसके 65 हजार करोड़ रु. होने का अनुमान है। तेजी से हो रहे डिजिटलाइजेशन, ऑनलाइन खरीदार व खर्च में वृद्धि ने बाजार को नई रफ्तार दी है।