भारत की तीसरी निजी ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं


 


 


वैसे तो भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई एलान करती रहती है। अब उनको और बेहतर सेवाएं मुहैया कराने के लिए भारतीय रेलवे अपनी तीसरी प्राइवेट ट्रेन का परिचालन शुरू करेगी। इसकी शुरुआत इसी महीने यानी फरवरी से ही हो जाएगी। आइए जानते हैं इस ट्रेन में यात्रियों को क्या खास सुविधाएं मिलेंगी और यह किस रूट पर चलेगी।


इस रूट पर चलेगी यह ट्रेन


इस ट्रेन का नाम काशी महाकाल एक्सप्रेस है, जो आईआरसीटीसी द्वारा इंदौर और वाराणसी के बीच चलाई जाएगी। इस ट्रेन का परिचालन महाशिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले यानी 20 फरवरी को शुरू किया जाएगा। इस ट्रेन का परिचालन सप्ताह में तीन दिन किया जाएगा। बता दें कि भारतीय रेलवे की अनुषंगी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) पहले ही दो जस ट्रेनों का परिचालन कर रही है। इसमें से एक ट्रेन दिल्ली-लखनऊ रूट पर चल रही है और दूसरी मुंबई-अहमदाबाद रूट पर।



  • आईआरसीटीसी का दावा है कि इन ट्रेनों में यात्रियों को ज्यादा आरामदायक सीटें मिलेंगी।

  • इतना ही नहीं, यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए ट्रेन में एलईडी लाइट, सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे।

  • इसके अतिरिक्त कई मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट भी होंगे।

  • IRCTC ने ट्वीट कर कहा था है कि नई ट्रेन स्टेट-ऑफ-द-आर्ट फेसिलिटी के साथ आएगी।

  • खास बात यह है कि यह पहली निजी ट्रेन होगी, जो रातभर चलने के बाद गंतव्य तक पहुंचेगी। मौजूदा समय में आईआरसीटीसी की दोनों तेजस ट्रेनें दिन में ही चलती हैं।


  • 100 रूटों पर चलेंगी 150 निजी ट्रेनें


    इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा बनाई गई एक उच्च स्तरीय समिति ने भारतीय रेलवे के 100 रूट्स पर 150 निजी ट्रेनें चलाने के लिए अपनी हरी झंडी दी थी। रेलवे की उच्च स्तरीय समिति ने निजी ट्रेनों को चलाने की इसलिए मंजूरी दी थी, क्योंकि यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा है। अभी भी 15 फीसदी यात्रियों का टिकट वेटिंग में रह जाता है। रेलवे काफी समय से वेटिंग लिस्ट को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। इसके अलावा निजी ट्रेनों यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। वहीं आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।


    बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में प्राइवेट ट्रेन चलाने की इच्छुक


    बता दें कि देश-विदेश की कंपनियां भारत में निजी ट्रेन चलाने की इच्छुक हैं। इनमें टैल्गो, हुंडई और बंबार्डियर जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। ये कंपनियां खुद ट्रेनों का निर्माण भी करती हैं। वहीं भारतीय कंपनियों में टाटा, अडाणी जैसे बड़े समूहों के अलावा आरके एसोसिएट्स जैसी ट्रेनों में केटरिंग सेवाएं देने वाली कंपनी भी ट्रेन चलाना चाहती है। इसके लिए रेलवे प्रारंभिक स्तर की पात्रता (आरएफक्यू) निविदाएं आमंत्रित करने वाला है। आरएफक्यू निविदाएं जारी करने से पहले रेलवे ने पिछले दिनों देश-विदेश की इच्छुक कंपनियों का सम्मेलन भी बुलाया था। 






  • निजी ट्रेनों के यह होंगे मापदंड




    • प्रत्येक ट्रेन में 16 कोच होंगे।




    • ट्रेनों के ठहराव तय कर सकेगी कंपनी




    • अधिकतम 15 मिनट की देरी, इसके बाद हर्जाना




    • 160 किमी होगी अधिकतम रफ्तार




    • पांच साल में चलाने होगी सभी ट्रेनें




    • रेलवे के 68000 नेटवर्क का कर सकेंगे इस्तेमाल