भारतीय दंपति को सिंगापुर में श्रम की तस्करी मामले में पहली सजा,


सिंगापुर में एक भारतीय दंपति को अप्रवासी महिला के साथ शोषण के आरोप में पांच साल छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है। अप्रवासियों की बड़ी तादाद वाले देश सिंगापुर में मानव तस्करी और अवैध मानव श्रम से संबंधित यह पहला मामला है जिसमें सजा सुनाई गई है।


भारतीय दंपति को तीन बांग्लादेशी महिलाओं के शोषण का अपराधी पाया गया है। दंपति ने महिलाओं को अपने नाइटक्लब  में डांस करने के लिए रखा था। अदालत ने अपने फैसले में दंपति को महिला कर्मचारियों के खिलाफ गलत भाषा का उपयोग, उनकी आवाजाही पर अंकुश लगाने और पासपोर्ट अपने कब्जे में रखने का दोषी पाया।

एक महिला को जबरदस्ती देह व्यापार करने का आरोप भी उनके खिलाफ सिद्ध हुआ है। अदालत ने माना कि दो महिलाओं को काम करने के बाद भी उनका मासिक वेतन नहीं दिया गया। कर्मचारियों को काम के बदले उचित मेहनताना नहीं देने के लिए नाइटक्लब  के मालिक को 3600 डॉलर की रकम जुर्माने देने का भी आदेश दिया गया है। हालांकि, दंपति फिलहाल जमानत पर हैं और फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहे हैं।

करीब 56 लाख की आबादी वाले सिंगापुर में 10 लाख से ज्यादा अप्रवासी रहते हैं जो उसकी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। मानव तस्करी और अवैध मानव श्रम को रोकने के लिए सिंगापुर में 2015 में एक कानून बनाया गया था। कानून बनने के बाद यह पहला मामला है जिसमें आरोपियों को सजा मिली है। कानून के तहत अपराधियों के लिए 10 साल तक जेल और जुर्माने का प्रावधान है।