CPI सांसद का राज्यसभा में PM मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव


कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(CPI) के सांसद बिनॉय विश्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव दाखिल किया है. बिनॉय विश्वम का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया.


बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा के सेक्रेट्री जनरल को लिखे गए पत्र में कहा, 'महत्वपूर्ण सदन का इस्तेमाल पीएम मोदी ने मेरे राज्य के मुख्यमंत्री के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने में किया. ऐसा उन्होंने अपना राजनीतिक हित साधने के लिए किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए), राष्ट्रीय नगारिकता रजिस्टर(एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) के खिलाफ हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को अतिवादी तत्व आयोजित करा रहे हैं. इसके जरिए एक लोकतांत्रिक आंदोलन को गैरकानूनी करार दिया जा रहा है.'


समाचार एजेंसी ANI से बिनॉय विश्वम ने कहा, 'यह ध्यान रखना जरूरी है कि मुख्यमंत्री ने किसी भी परिस्थिति में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ लोगों के आंदोलन की वैधता पर सवाल नहीं उठाया, न ही सुझाव दिया कि अतिवादी तत्व इन विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर रहे थे, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था.'


सीपीआई सांसद ने कहा कि केरल सरकार ने विरोध करने के लिए जनता के लोकतांत्रिक अधिकार का समर्थन किया है. केरल की राज्य सरकार ने विधायिका में विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) को वापस लेने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया है.



सांसद ने राज्यसभा के सेक्रेट्री जनरल से कहा, 'मैं आपसे इस विशेषाधिकार के उल्लंघन और इस संबंध में कार्यवाही का नोटिस लेने का आग्रह करता हूं.'


केरल के मुख्यमत्री पिनराई विजयन शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार न तो सीएए लागू करेगी, न ही एनपीआर के लिए अनुमति देगी. डिटेंशन सेंटरों का निर्माण नहीं किया जाएगा. राज्य सरकार सूचनाएं तो जनगणना के लिए लेगी लेकिन एनपीआर डेटा कलेक्शन का हिस्सा नहीं बनेगी.