डॉक्टर लीला जोशी, जिन्हें सरकार ने दिया पद्म श्री अवार्ड


 

मध्य प्रदेश में एक डॉक्टर हैं जो आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करती हैं। जिसकी वजह से उन्हें मदर टेरेसा के नाम से जाना जाता है। ये महान हस्ती है डॉक्टर लीला जोशी। जिन्हें 26 जनवरी को सरकार ने पद्म श्री अवार्ड देने के लिए चुना है। स्त्री रोग विशेषज्ञ लीला जोशी ने मध्य प्रदेश की आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उल्लेखनीय काम किया है। तो चलिए जानें डॉ. लीला जोशी के बारे में।

डॉक्टर लीला जोशी ने अपने करियर के शुरूआती दिनों में असम में काम किया था। वहां पर लीला एक डॉक्टर के रूप में कार्यरत थीं। वहीं पर उनकी मुलाकात मदर टेरेसा से हुई और उन्होंने डॉ. लीला से आदिवासियों के लिए कुछ करने को कहा था। डॉ. जोशी को मदर टेरेसा की ये बात बहुत भली लगी और असम से रिटायर होने के बाद मध्य प्रदेश आकर आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करने लगीं।

डॉक्टर लीला आदिवासी अंचलों में जाकर वहां की महिलाओं का निशुल्क इलाज करती हैं। आदिवासी महिलाओं में ज्यादातर समस्या एनीमिया की होती है। खानपान की कमी और कुपोषण के कारण आदिवासी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान खून की कमी की शिकार हो जाती हैं। डॉक्टर जोशी इन महिलाओं का इलाज करती हैं। 

डॉक्टर लीला जोशी का नाम देश की महिला और बाल विकास विभाग द्वारा जारी सूची में देश की सौ सबसे प्रभावी महिलाओं में शामिल किया गया है। साल 1997  में रेलवे की मेडिकल डायरेक्टर से रिटायर लीला ने मध्य प्रदेश में आदिवासी महिलाओं को मुफ्त में इलाज देना शुरू किया। डॉ. जोशी पिछले 22 सालों से इस कार्य में लगी हुईं है और 82  साल की उम्र में भी उनके जोश में कोई कमी नहीं आई है।