गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला निजी स्कूलों को देना ही होगा


हरियाणा के निजी स्कूलों को नियम-134ए के तहत दूसरी से बारहवीं कक्षा तक गरीब बच्चों को दाखिला देना ही होगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से आवंटित भूमि पर संचालित निजी स्कूलों को खाली सीटों में से बीस प्रतिशत और अन्य स्कूलों को दस प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों को दाखिला देकर भरनी होंगी। ऐसा न करने पर स्कूल शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की संबद्धा रद्द कर देगा। 


इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीईईओ को पत्र जारी कर दिया है, जबकि सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय भी यह निर्णय ले चुका है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने दूसरी से आठवीं कक्षा तक गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिलों को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया है। सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय भी जल्दी ही दाखिला कार्यक्रम जारी कर देगा। 

दूसरी से आठवीं कक्षा में दाखिलों के लिए बीईईओ, डीईईओ कार्यालयों में 25 फरवरी से 20 मार्च तक आवेदन लिए जाएंगे। 27 मार्च को बीईईओ, डीईईओ पात्र छात्रों की सूची प्रकाशित करेंगे। 12 अप्रैल को आवेदन करने वाले छात्रों की मूल्यांकन परीक्षा होगी। उसमें मेरिट में आने वाले छात्रों का पहला राज्य स्तरीय ड्रॉ 18 अप्रैल को निकाला जाएगा। 



20 से 28 अप्रैल तक पहले ड्रॉ के आधार पर दाखिला होंगे। आवेदन फार्म में भरे गए विकल्प अनुसार ही बच्चों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे। दूसरा, तीसरा ड्रॉ सीटें खाली होने पर बाद में किया जाएगा। सभी मान्यता व संबद्धता प्राप्त स्कूलों को 24 फरवरी तक खाली सीटों की सूचना स्कूल पंजीकरण पोर्टल, नोटिस बोर्ड व स्कूल वेबसाइट पर देनी होगी। प्रदेश के लगभग 8600 निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले होंगे। नियम-134ए लागू होने के बाद से अब तक एक लाख 46 हजार बच्चों के दाखिले हो चुके हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन कैंप लगाकर गरीब बच्चों के दाखिले कराएगा। 

खंड, जिला स्तरीय समितियों के पास करें शिकायतृ: प्रदीप कुमार
मौलिक शिक्षा निदेशक प्रदीप कुमार ने पत्र जारी कर कहा है कि सीटें खाली होने पर निजी स्कूल नियम-134ए के तहत पात्र गरीब बच्चों को दाखिला के लिए मना नहीं कर सकते हैं। अगर कोई स्कूल मना करता है तो बच्चों के अभिभावक खंड व जिला स्तरीय समितियों के पास अपनी शिकायत दें। शिकायत सही पाए जाने पर स्कूलों को नोटिस देकर संबद्धता रद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।