घंटाघर पर प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व और वर्चस्व को लेकर दो गुट भिड़ गए


सीएए और एनआरसी के विरोध में लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में रविवार शाम प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व और वर्चस्व को लेकर दो गुट भिड़ गए। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। एक पक्ष ने लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग कर दी, जिससे हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस दोनों पक्ष को थाने ले गई है।


पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय का कहना है कि लाइसेंसी पिस्टल जब्त करके कानूनी कार्रवाई की जा रही है। सहायक पुलिस आयुक्त डीपी तिवारी ने बताया कि लाइसेंसी असलहे के दुरुपयोग पर केस दर्ज किया जा रहा है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि झगड़ा ठाकुरगंज के मेहताबबाग निवासी अधिवक्ता मिर्जा फजल अली बेग और मुफ्तीगंज में रहने वाले कामिल के बीच हुआ था।

दोनों शाम को घंटाघर आए थे। वहां किसी बात पर तनातनी हो गई। अधिवक्ता ने हाथापाई की तो कामिल ने अपने छोटे भाई इमरान हैदर समेत 20-25 लोगों को बुला लाया। अधिवक्ता से मारपीट शुरू कर दी। दूसरी तरफ से भी लोग एकत्र हो गए। इसी दौरान अधिवक्ता ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकालकर हवाई फायर कर दिया।

प्रदर्शन स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और अधिवक्ता अली बेग और कामिल के छोटे भाई इमरान समेत अन्य लोगों को पकड़कर थाना ले गये। दोनों पक्ष की तरफ से सैकड़ों समर्थक भी थाने पहुंच गए।


एक दिन पहले भी हुआ था झगड़ा
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों पक्ष सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के पक्ष में हैं और प्रदर्शनकारियों को सहयोग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों पर वर्चस्व और नेतृत्व को लेकर ही दोनों के बीच टकराव हुआ था। शनिवार को भी दोनों का झगड़ा हुआ था, लेकिन लोगों ने बीच-बचाव करा दिया।

सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि झगड़े में शामिल लोगों की पहचान के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई गई है। लाइसेंसी शस्त्र के दुरुपयोग पर पुलिस की तरफ से एफआईआर कराने के साथ ही लाइसेंस के निरस्तीकरण की भी कार्रवाई की जाएगी।