कई भारतीय उद्योग चीन में कोरोना वायरस के संकट से बंद होने की कगार पर


चीन में कोरोना वायरस के कारण उपजा संकट भारतीय उद्योगों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच रहा है। सबसे ज्यादा चिंता ऑटोमोबाइल, डाई और स्मार्टफोन सेक्टर में देखने को मिल रही है। डाइज एंड केमिकल इंडस्ट्री (रंग एवं रसायन उद्योग) चीन से आने वाले कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित होने के कारण मुश्किल का सामना कर रही है। ऑटोमोबाइल व स्मार्टफोन सेक्टर भी चीन से कंपोनेंट आपूर्ति धीमी पड़ने से परेशान है।


चीन से कच्चे माल की आपूर्ति रुकने से डाई कारोबारी परेशान


चीन में एक माह से कोरोना वायरस का संकट छाया है। इस कारण से वहां बड़े पैमाने पर कारोबार बंद पड़े हैं, जिससे भारतीय उद्योग भी प्रभावित हो रहे हैं। देश में डाई कारोबारी परेशान हैं। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा के ज्यादातर डाई कारोबारी कच्चा माल चीन से मंगाते हैं। कच्चे माल की आपूर्ति रुकने से इन पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। अकेले पानीपत में 600 टन डिस्पर्स डाइज की प्रतिमाह खपत होती है। यहां कारोबारियों के पास कच्चे माल का स्टॉक खत्म हो रहा है।


उद्यमियों ने कहा- अगर चीन से महीनेभर यही स्थिति रही तो कई उद्योग बंद हो सकते हैं


उद्यमियों का कहना है कि अगर चीन से महीनेभर यही स्थिति रही तो कई उद्योग बंद हो सकते हैं। यहां डाइज एंड केमिकल एसोसिएशन के प्रमुख संजीव मनचंदा ने डाई इंडस्ट्री पर संकट को लेकर चिंता जताई। कमोबेश ऐसी ही स्थिति ऑटोमोबाइल सेक्टर की है।


कोरोना वायरस का साइड इफेक्ट भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात पर पड़ना तय


ऑटोमोबाइल निर्यातक काफी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि यदि चीन को कोरोना की आपदा से जल्द निजात नहीं मिली तो इसका साइड इफेक्ट भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात पर पड़ना तय है। ऑटोमोबाइल कंपोनेंट की आपूर्ति के क्षेत्र में चीन बड़ा नाम है। वहां अधिकतर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में काम बिल्कुल ठप है। ऐसे में दुनिया के उन देशों में वाहनों के उत्पादन पर असर पड़ेगा जो चीन से आने वाले कंपोनेंट पर निर्भर हैं।


ऑटो कंपोनेंट्स तैयार करने वाली कंपनियों का विकल्प खोजना आसान नहीं


गुरुग्राम की ओनेसिस ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रोहित भाटिया ने कहा कि जब चीन से ऑटो कंपोनेंट दुनिया की वाहन निर्माता कंपनियों तक नहीं पहुंचेंगे तो पूरी चेन प्रभावित होगी। ऑटो कंपोनेंट्स तैयार करने वाली कंपनियों का विकल्प खोजना आसान नहीं होता। इसमें चार से पांच साल तक का समय लग सकता है।


कोरोना वायरस का स्मार्टफोन सेक्टर पर दिखने लगा असर


भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री भी काफी हद तक चीन पर ही निर्भर है। समाचार एजेंसी प्रेट्र से बातचीत में इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रो ने कहा कि स्मार्टफोन सेक्टर पर असर दिखने लगा है। कुछ प्रोडक्ट और मॉडल प्रभावित हुए हैं। हालांकि अभी कोरोना के व्यापक असर को लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।


 

जयपुर, जैसलमेर, उदयपुर, जोधपुर, रणथंभौर, पुष्कर और बीकानेर जैसे पर्यटन स्थलों पर भी वायरस की मार दिख रही है। कोरोना के संकट के कारण ज्यादातर विदेशी पर्यटक अपनी बुकिंग रद करा रहे हैं। कुछ जगहों पर 80 फीसद तक एडवांस बुकिंग रद हो गई है।


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चीन में जा रही लोगों की नौकरी


शंघाई, रायटर : चीन में कोरोना से प्रभावित कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही हैं। मीडिया कंपनी शिनचाओ मीडिया ने 500 कर्मचारियों को निकालने की बात कही है। इससे पहले कुछ और कंपनियां भी इस तरह के कदम उठा चुकी हैं। कंपनियां छंटनी को लेकर कदम ऐसे समय में उठा रही हैं, जबकि चीन की सरकार ने कहा है कि वह वायरस के कारण पैदा हुए संकट में ज्यादा लोगों को नौकरी नहीं गंवाने देगी। छंटनी के बीच अधिकारियों ने फिर कहा है कि रोजगार की हिफाजत के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।


 


Posted By: Bhupendra Singh