कैसा है सुलगती दिल्ली की सड़कों का मंजर,हर तरफ तबाही के निशान


नागरिकता कानून की आड़ में राजधानी दिल्ली में चल रहे उपद्रव का सिलसिला लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। अस्पतालों में तड़पते हुए घायलों का आना और लगातार बढ़ती मृतकों की संख्या ने आज भी दिल्लीवासियों को चैन की सांस नहीं लेने दी। सुबह हालात थोड़े सामान्य जरूर हुए, लेकिन पत्थरबाजी और हिंसा की खबरें आती रहीं। 


पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में बुधवार सुबह भी रुक-रुककर पत्थरबाजी हुई। जानकारी के अनुसार करावल नगर, नूर-ए-इलाही, ब्रह्मपुरी, मंगलपुरी और मौजपुर में सुबह से छिटपुट पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं मौजपुर चौक पर आवाजाही शुरू हो गई, लेकिन फिर भी लोगों के मन में दहशत और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।


उपद्रवियों ने दिल्ली की कई सड़कों को ईंट पत्थरों से पाट दिया। सड़कों पर दूर दूर तक फेंके गए पत्थर नजर आते रहे। उपद्रवियों का दहशत ऐसा है कि हर समुदाय के लोग डरे हुए हैं। जिनके घर मेन रोड के आसपास हैं वो लोग तो घरों के अंदर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।  


करावल नगर का मुख्य मार्ग है, जहां सड़कों पर बोरों में पत्थर भरे पड़े मिले। सब कुछ अस्त व्यस्त सा हो गया है। कई गाड़ियों, दुकानों और घरों में भी आग लगा दी गई। आम लोग सड़कों पर निकलने से डरे हुए हैं चिंतित हैं। जिनके दुकान हैं उन्हें भी इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं उपद्रवी दुकानों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचा दें। 


उपद्रवियों ने बेखौफ होकर पार्किंग में खड़ी कई कारों को एक साथ आग के हवाले कर दिया था। वहीं एक स्कूल की इमारत को भी उन्होंने नहीं छोड़ा। इसके अलावा चांद बाग पुलिया के पास बहने वाले नाले में खुफिया विभाग के एक कांस्टेबल का शव मिलने से भी सनसनी फैल गई। 




तीन-चार दिनों से लगातार हो रही हिंसा के बाद स्थिति इतनी अस्त-व्यस्त हो गई है कि लोगों को बाजार से सामान्य चीजें खरीदने के लिए भी सोचना पड़ रहा है। अधिकतर इलाकों के बाजार पूरी तरह ठप हैं। यह भजनपुरा इलाके की है जहां दुकानें बंद होने के कारण दूध, सब्जियों और रोजमर्रा कि जरूरी चीज़ों के लिए लोग काफी परेशान हैं। यहां मदर डेयरी पर दूध के लिए लगी लंबी लाइन लगी हुई है।




इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजपुर के दौरे के लिए पहुंचे। डोभाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लोग भी संतुष्ट हैं। मुझे कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर विश्वास है। पुलिस अपना काम कर रही है। इस दौरान डोभाल ने रुक-रुक कर स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनका हाल भी जाना।