अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत की तैयारी में भारत सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इधर, उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप दिल्ली में खुशी की क्लास में शामिल होंगी। अमेरिका की पहली महिला 25 फरवरी को दिल्ली के एक सरकारी स्कूल की हैपीनेस क्लास में पहुंचेंगी। यहां होने वाले विशेष आयोजन में वह करीब 45 मिनट का वक्त बच्चों के बीच बिताएंगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दो दिवसीय दौरा 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन वह अहमदाबाद रहेंगे, जबकि 25 फरवरी की सुबह दिल्ली पहुंचेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत दौरे पर आ रही उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने दिल्ली के सरकारी स्कूल में जाने की इच्छा जताई है। इस पर अमेरिकी दूतावास समेत भारत सरकार भी राजी है।
सूत्रों का कहना है कि 25 फरवरी की दोपहर वह दिल्ली सरकार के एक स्कूल में पहुंचेंगी। करीब 45 मिनट वे बच्चों के बीच गुजारेंगी। इस दौरान उनका मूल मकसद दिल्ली सरकार की हैपीनेस क्लास के बारे में जानने/समझने का रहेगा कि इसके सहारे बच्चों का तनाव कैसे कम किया जाता है। साथ ही हंसते-खेलते वे पढ़ाई भी करते हैं। सुरक्षा कारणों से अभी दौरे के समय और संबंधित स्कूल की जानकारी नहीं दी गई है। दौरे के शेड्यूल में इसकी पूरी जानकारी होगी।
दिल्ली सरकार दो साल से लगा रही खुशी की क्लास
- 2018 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में शुरू हुई थी हैपीनेस क्लास।
- बच्चों के मानसिक तनाव व अवसाद को दूर करने का हो रहा प्रयास। मिल रही सफलता।
- नहीं होती लिखित परीक्षा। बच्चे के हैपीनेस इंडेक्स का किया जाता है मूल्यांकन।
- नर्सरी से 8वीं तक के विद्यार्थियों की होती है क्लास।
- मेडिटेशन पर रहता है फोकस। पढ़ने, चलने, खाने, देखने, सुनने पर रहती है नजर।
- अध्यापकों को दिया गया है हैपीनेस का फ्रेमवर्क।
- बच्चों को सनाई जाती हैं कहानियां। होती है हंसी-ठिठोली।
- हर शनिवार के रिफ्लेक्शन सेशन में सम्मान, स्नेह, भरोसे आदि मूल्यों की खेल-खेल में दी जाती है सीख।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दो दिवसीय दौरा 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन वह अहमदाबाद रहेंगे, जबकि 25 फरवरी की सुबह दिल्ली पहुंचेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत दौरे पर आ रही उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने दिल्ली के सरकारी स्कूल में जाने की इच्छा जताई है। इस पर अमेरिकी दूतावास समेत भारत सरकार भी राजी है।
सूत्रों का कहना है कि 25 फरवरी की दोपहर वह दिल्ली सरकार के एक स्कूल में पहुंचेंगी। करीब 45 मिनट वे बच्चों के बीच गुजारेंगी। इस दौरान उनका मूल मकसद दिल्ली सरकार की हैपीनेस क्लास के बारे में जानने/समझने का रहेगा कि इसके सहारे बच्चों का तनाव कैसे कम किया जाता है। साथ ही हंसते-खेलते वे पढ़ाई भी करते हैं। सुरक्षा कारणों से अभी दौरे के समय और संबंधित स्कूल की जानकारी नहीं दी गई है। दौरे के शेड्यूल में इसकी पूरी जानकारी होगी।
दिल्ली सरकार दो साल से लगा रही खुशी की क्लास
- 2018 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में शुरू हुई थी हैपीनेस क्लास।
- बच्चों के मानसिक तनाव व अवसाद को दूर करने का हो रहा प्रयास। मिल रही सफलता।
- नहीं होती लिखित परीक्षा। बच्चे के हैपीनेस इंडेक्स का किया जाता है मूल्यांकन।
- नर्सरी से 8वीं तक के विद्यार्थियों की होती है क्लास।
- मेडिटेशन पर रहता है फोकस। पढ़ने, चलने, खाने, देखने, सुनने पर रहती है नजर।
- अध्यापकों को दिया गया है हैपीनेस का फ्रेमवर्क।
- बच्चों को सनाई जाती हैं कहानियां। होती है हंसी-ठिठोली।
- हर शनिवार के रिफ्लेक्शन सेशन में सम्मान, स्नेह, भरोसे आदि मूल्यों की खेल-खेल में दी जाती है सीख।