मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट सहयोगियों में मंत्रियों को मिले विभागों में बड़ा बदलाव नहीं


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट सहयोगियों में विभागों का बंटवारा कर दिया है। तीन को छोड़कर पिछली सरकार में मंत्रियों को मिले विभागों में बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट सहयोगियों में विभागों का बंटवारा कर दिया है। तीन को छोड़कर पिछली सरकार में मंत्रियों को मिले विभागों में बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। पिछली सरकार में अपने पास रहे इकलौते जल विभाग को इस बार केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को सौंप दिया है। खुद वे कोई विभाग नहीं रखेंगे। इसके अलावा पयार्वरण व वन विभाग और महिला व बाल विकास विभाग के प्रभार बदले गए हैं। उधर, सोमवार को मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने दिल्ली सचिवालय में अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभाला।
 

देश के अन्य राज्यों में अमूमन दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के पास विभागों की लंबी सूची होती है। यहां केजरीवाल किसी विभाग को नहीं चलाएंगे। इसकी जगह वे आपसी तालमेल, सुधार और जनता से सीधे कनेक्ट करने का काम करेंगे। उन्होंने अपने सबसे भरोसेमंद कैबिनेट सहयोगी मनीष सिसोदिया को लगातार तीसरी बार बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं। उनके पास शिक्षा, योजना और वित्त समेत दूसरे अहम विभाग हैं। काम हल्का करने के लिए उनसे महिला व बाल विकास विभाग ले लिया गया है। लगातार तीसरी बार मंत्री बने सत्येंद्र जैन को जल विभाग देकर केजरीवाल ने अतिरिक्त भरोसा जताया है। आम लोगों की जिंदगी पर सीधा असर डालने वाले ऊर्जा, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी का प्रभार भी जैन के पास है। यानी मुफ्त व सस्ती बिजली और मुफ्त पानी से जुड़े दोनों विभागों का प्रभार उन्हीं के पास है।

मुख्यमंत्री ने इस बार गोपाल राय को पर्यावरण व वन विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। वह पिछली सरकार की तरह विकास, श्रम एवं रोजगार का जिम्मा भी संभालेंगे। परिवहन विभाग के साथ कैलाश गहलोत के पास कानून व गृह जैसे विभाग हैं। इमरान हुसैन के पास पिछली सरकार जितने विभागों का ही प्रभार है। वहीं, राजेंद्र पाल गौतम को महिला व बाल विकास विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।



दिल्ली के मंत्रियों के विभाग अरविंद केजरीवाल : मुख्यमंत्री


मनीष सिसोदिया : उपमुख्यमंत्री, शिक्षा, वित्त एवं योजना, सतर्कता, सेवा, कला एवं संस्कृति, पर्यटन, भूमि एवं भवन। इसके अलावा वे सभी विभाग, जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं हैं।

सत्येंद्र जैन :  जल विभाग, ऊर्जा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, उद्योग, गृह, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण।

गोपाल राय : पर्यावरण व वन, श्रम एवं रोजगार, विकास, सामान्य प्रशासन।

कैलाश गहलोत : परिवहन, कानून, प्रशासनिक सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व।

राजेंद्र पाल गौतम : गुरुद्वारा चुनाव, समाज कल्याण, सहकारिता, एससी-एसटी, महिला व बाल विकास।

इमरान हुसैन : खाद्य आपूर्ति, चुनाव।

 



पिछली सरकार में इस तरह था काम का बंटवारा


अरविंद केजरीवाल : मुख्यमंत्री, जल विभाग।
मनीष सिसोदिया : उपमुख्यमंत्री, वित्त एवं योजना, शिक्षा, सतर्कता, सेवा, महिला व बाल विकास, कला एवं संस्कृति, पर्यटन, भूमि एवं भवन। इसके
अलावा वे सभी विभाग, जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं थे।
. सत्येंद्र जैन : ऊर्जा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, उद्योग, गृह, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, गुरुद्वारा।
. गोपाल राय : श्रम एवं रोजगार, विकास, सामान्य प्रशासन।
. कैलाश गहलोत : परिवहन, कानून, पर्यावरण व वन, प्रशासनिक सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व।
. राजेंद्र पाल गौतम : गुरुद्वारा चुनाव, समाज कल्याण, सहकारिता, एससी-एसटी।
. इमरान हुसैन : खाद्य आपूर्ति, चुनाव।

 



ये तीन विभाग बदले


. जल विभाग सत्येंद्र जैन का दिया।
. महिला व बाल विकास विभाग मनीष सिसोदिया से लेकर राजेंद्र पाल गौतम को दिया गया।
. पर्यावरण व वन विभाग कैलाश गहलोत से लेकर गोपाल राय को दिया गया।




मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया। मुख्यमंत्री और कैबिनेट सहयोगी सचिवालय पहुंचे तो मुख्य सचिव विजय देव व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पहले दिन कैबिनेट की बैठक नहीं हुई। उम्मीद है कि नई कैबिनेट की पहली बैठक मंगलवार को होगी। इसमें 7वीं विधानसभा का पहला सत्र बु लाने का प्रस्ताव पास होगा। सचिवालय पहुंचने वाले सबसे पहले मंत्री राजेंद्र पाल गौतम थे।

इसके बाद इमरान हुसैन, सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया ने प्रभार संभाला। करीब 11 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने दफ्तर पहुंचे और जिम्मेदारी संभाली। फिर गोपाल राय सचिवालय पहुंचे। आखिर में कैलाश गहलोत ने ऑफिस पहुंचकर कार्यभार लिया। हालांकि, दोपहर बाद करीब दो बजे तक विभागों का बंटवारा नहीं होने के कारण मंत्री अपने-अपने कार्यालयों में बैठे रहे। वहीं, तीन घंटे सचिवालय में रुकने के बाद मुख्यमंत्री निकल गए। जाते-जाते उन्होंने बताया कि मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर सूची उपराज्यपाल को
भेज दी गई है।