निर्भया के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। इसे अपने पक्ष के लिए बड़ी सफलता मानते हुए निर्भया के माता-पिता ने वक्त बर्बाद न करते हुए मंगलवार को ही पटियाला हाउस कोर्ट में नया डेथ वारंट जारी करने के लिए आवेदन दायर किया है। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने आवेदन पर चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस याचिका पर आज सुनवाई होनी है। आगे जानिए कि मंगलवार यानी 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में जो महत्वपूर्ण सुनवाई हुई उस दौरान क्या हुआ और दोषी विनय ने कौन सी नई चाल चली है और क्या एक बार फिर रुक जाएगी दोषियों की फांसी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली हाईकोर्ट के 5 फरवरी के उस कोर्ट ने कहा था कि जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है। न्यायाधीश ने कहा कि मैं दोषियों के वकील की इस दलील से सहमत हूं कि महज संदेह और अटकलबाजी के आधार पर मौत के वारंट को तामील नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने तिहाड़ जेल की अर्जी खारिज कर करते हुए उसे फिर से अर्जी देने को कहा था। 11 फरवरी को दोषियों को दिया गया एक हफ्ते का समय पूरा हो गया है। इसी के चलते तिहाड़ जेल प्रशासन व निर्भया के माता-पिता ने मंगलवार को फिर पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
आदेश पर गौर किया, जिसमें चारों दोषियों को एक हफ्ते यानी 11 फरवरी तक कानूनी विकल्पों के प्रयोग का समय दिया गया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने 5 फरवरी को ही पटियाला हाउस कोर्ट का रुख कर डेथ वारंट जारी करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों को 7 दिन का समय दिया गया है और इससे पहले उनके खिलाफ डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार की याचिका पर निर्भया मामले के चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि नोटिस जारी करने से मामले में और देरी होगी। शीर्ष अदालत ने जेल अथॉरिटी को दोषियों की फांसी का नया डेथ वारंट जारी कराने के लिए निचली अदालत जाने की भी छूट दी। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के खिलाफ केंद्र की याचिका खारिज कर दी थी।
मेहता ने हैदराबाद एनकाउंटर का उल्लेख करते हुए कहा, लोगों ने महिला पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर का जश्न मनाया, यह सिर्फ इसलिए कि लोग सिस्टम में विश्वास खो रहे थे। यह हमारे न्यायिक सिस्टम की खराब दशा को दर्शाता है।’
चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। विनय के वकील एपी सिंह ने मंगलवार को याचिका दायर कर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने का भी अनुरोध किया है। राष्ट्रपति ने 1 फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने 31 जनवरी अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी।